गाजियाबाद, 06 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय वायुसेना की 87वीं वर्षगांठ पर आठ अक्टूबर को होने वाले एयरफोर्स डे से पूर्व रविवार को हिंडन एयर बेस पर फुलड्रेस रिहर्सल में भारतीय वायुसेना ने धरती से लेकर आसमान तक अपनी ताकत का अहसास कराया। इस अवसर पर वायु योद्धाओं का शौर्य देखने को मिला। फुल रिहर्सल के दौरान दुनिया का सबसे खतरनाक युद्धक हेलीकॉप्टर अपाचे सबसे बड़ा आकर्षण रहा। इस तरह के किसी कार्यक्रम में पहली बार शामिल हुए चिनूक हेलीकॉप्टर ने लाजवाब उड़ान भरी और सभी दर्शकों का मन मोह लिया।
स्वदेशी युद्धक विमान तेजस ने भी परेड में अपनी ताकत का शानदार प्रदर्शन किया। मेक इन इंडिया के तहत बने इस विमान ने सबसे अधिक देर तक आसमान का सीना चीरते हुए शक्ति प्रदर्शन किया। इस जंगी जहाज का आसमान में स्लो स्पीड मोशन सबसे खास रहा। रविवार को हिंडन एयर बेस पर सुबह सवा 8 बजे परेड कमांडर के नेतृत्व में फुल ड्रेस रिहर्सल शुरू हुई। परेड का शुभारंभ पैरा जंपिंग से हुआ जब आकाश गंगा की टीम के पैराट्रूपर्स हवा में 8 हजार फीट की ऊंचाई से कलाबाजी करते हुए परेड स्थल के ऊपर उड़ते नजर आए। इसके बाद निशान टोली की टीम ने शानदार परेड कर दर्शकों का मनमोह लिया।
फुल ड्रेस रिहर्सल के मौके पर सबकी निगाहें आसमान पर थी। ठीक 10 बजे हाल में शामिल हुए चिनूक हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। उसके बाद विंटेज एयरक्राफ्ट डकोटा, हार्वर्ड और टाइगर मोथ ने भी आसमान में उड़ानें भरी। वायुसेना ने किस तरह अपनी विरासत को सहेजकर रखा है, इसकी उपस्थिति दिखाई सी-17 ग्लोब मास्टर ने। इसके अलावा मिराज 2000, सुपर हरक्यूलिस, जगुआर, मिग 27 अपग्रेड और सुखोई एम 30 ने करतब दिखाए। सारंग टीम की डॉल्फिन ड्राइव व हर्ट फॉरमेंशन और सुखोई का ‘वी’ फॉरमेशन ने खूब तालियां बटोरी तथा काफी देर तक उस पर नजर गड़ाए रखी। अधिकांश लोगों ने अपने मोबाइल से आसमान में चल रहे करतब को कैद करने की कोशिश की।
सबसे आखिर में सूर्य किरण के 8 विमानों ने अपनी कौशल, क्षमता और एकाग्रता का सटीक नमूना पेश कर जबरदस्त वाहवाही लूटी। तेजस ने करीब 15 मिनट तक आसमान पर अपनी हवाई ताकत और सटीक लैंडिंग का अहसास कराया। वायु सेना दिवस पर तीनों सेनाओं के प्रमुख भी कार्यक्रम में शामिल होंगे। एयरफोर्स के इस शो की स्पेशल सरप्राइज एयर वॉरियर्स का ड्रिल टू थ्रील का प्रजेंटेशन रहता है। जंगी जहाजों के उड़ान भरने से पहले यह प्रजेंटेशन हुआ।
एयर फोर्स के अधिकारियों ने बताया कि इंडियन एयरफोर्स में एयर वॉरियर्स की सिर्फ एक ही टीम है जिसके द्वारा ड्रिल टू थ्रील प्रजेंट किया जाता है। इस टीम मेंबर्स द्वारा थ्री नॉट थ्री की 5.5 केजी की राइफल के साथ प्रदर्शन किया जाता है। बेहद एक्सपर्ट इस टीम के मेंबर्स द्वारा पलक झपकते ही राइफल बदल ली जाती है, घूमती राइफल में जवान द्वारा क्रास किया जाता है। जमीन से आकाश में वार करने वाले आकाश मिसाइल सिस्टम और राडार सिस्टम अवॉक्स का भी एयरफोर्स की रिहर्सल पर प्रदर्शन किया गया। दोनों सिस्टम आकाश में दिखने वाले दुश्मन को खोजकर तुरंत नेस्तनाबूद करने में सक्षम है। अवॉक्स आकाश में ही विमान में फ्यूल भरने का काम भी कर सकता है। डिस्पले में मौजूद ध्रुव हेलीकॉप्टर और तेजस विमानों के बारे में भी लोगों ने वायुसेना के जवानों से जानकारी ली।