लॉस एंजेल्स, 31 दिसम्बर (हि.स.)। अमेरिका की ओर से इराक़ तथा सीरिया में ईरान समर्थित काटेब हिज़बुल्ला पर हवाई हमले के बाद खाड़ी में संकट गहरा गया है।
इराक़ में ईरान समर्थित निवर्तमान प्रधान मंत्री आदिल अब्दुल मेहदी ने अमेरिकी हवाई हमले की निंदा की है। उधर, सीरिया ने भी हमले की निंदा करते हुए इराक़ से एकजुटता की अपील की है। रूस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की सलाह दी है। इराकी प्रधानमंत्री ने अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए इसे उसकी संप्रभुता पर हमला बताया है। इराक़ में शिया समुदाय के धर्म गुरु आयतुल्ला सिस्तानी ने भी अमेरिकी हमले की निंदा करते हुए इसे अचानक किया गया आक्रमण बताया है। ईरान की सैन्य सहायता पर हिज़बुल्ला लड़ाकों ने सोमवार को घोषणा कर दी है कि अब लड़ाई खुल कर सामने आ गई है।
उधर, अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट नेताओं ने पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर काटेब हिज़बुल्ला के ठिकानों पर एफ-15 लड़ाकू विमानों से हवाई हमले किये जाने का स्वागत किया है और कहा है कि खाड़ी में तैनात अमेरिकी सैनिकों और जान माल की ओर क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई तो इसके अंजाम भयानक होंगे। अमेरिकी हवाई हमलों में रविवार को काटेब हिज़बुल्ला के 25 लड़ाके मारे गए थे जबकि 55 लड़ाकों के घायल होने के समाचार हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सत्तारूढ़ होने के बाद आणविक समझौते से हाथ खींचने के बाद से अमेरिका और ईरान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। वाशिंगटन ने सोमवार को इराक़ी प्रधानमंत्री के वक्तव्य के जवाब में कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि इराक़ी प्रशासन उनके सैनिकों के हितों और उनको सुरक्षा देने में विफल रहा है।
अमेरिकी पेंटागन प्रवक्ता होफ़मैन ने हवाई हमले की सफलता के बाद मीडिया को एक वक्तव्य में बताया था कि यह कार्रवाई काटेब हिज़बुल्ला के उस राकेट हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें एक अमेरिकी एजेंट और उसके चार सैनिक घायल हो गए थे।