नई दिल्ली, 29 सितम्बर (हि.स.)। भारत के वीवीआईपी बेड़े के लिए ‘एयर इंडिया वन’ का इंतजार अब खत्म हो गया है, क्योंकि दोनों हाई-टेक विमान एक अक्टूबर को दिल्ली में उतरने वाले हैं। इन विशेष विमानों की डिलीवरी भारत को मिल गई है। इसके पहले ही शिकागो के बोइंग मुख्यालय में दोनों वीवीआईपी एयरक्राफ्ट परीक्षण के तौर पर उड़ान भर चुके हैं। भारत को मिलने वाले इन दो नए विमानों का इस्तेमाल प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की उड़ान के लिए किया जाएगा, जिसे वायु सेना के पायलट उड़ाएंगे। ‘एयर इंडिया वन‘ में अशोक की लाट बनी होगी, जिसके एक तरफ हिन्दी में ‘भारत’ और दूसरी तरफ अंग्रेजी में ‘INDIA’ लिखा होगा। साथ ही विमान की पूंछ पर भारत की शान ‘तिरंगा’ बना होगा।
मिसाइल डिफेंस सिस्टम से लैस बोइंग-777 को लाने के लिए एयर इंडिया के इंजीनियरों की टीम और भारतीय वायु सेना के पायलट अमेरिका पहुंच चुके हैं। भारत को दोनों विमान सौंपे जाने से पहले 25 सितम्बर तक सारे परीक्षण पूरे किये जा चुके हैं। दोनों विमान 30 सितम्बर को 20 मिनट के अंतराल में अमेरिका से उड़ान भरेंगे और एक अक्टूबर को दिल्ली में टेक-ऑफ करेंगे। इन वीवीआईपी विमानों की आपूर्ति पहले जुलाई में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पाई। इसके बाद सितम्बर के मध्य में एक विमान को और दूसरे को सितम्बर के अंत तक पहुंचाना था। इसके लिए भारत से एक टीम अमेरिका पहुंच गई थी लेकिन कुछ तकनीकी सुझाव आने के कारण आपूर्ति नहीं हो पाई। इसलिए अब दोनों वीवीआईपी एयरक्राफ्ट की एक साथ आपूर्ति की गई है।
भारत को मिलने वाले ‘एयर इंडिया वन‘ में भारत सरकार के ऑर्डर पर बड़े मिसाइल इन्फ्रारेड काउंटरमेशर (एलएआईआरसीएम) और सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (एसपीएस) नामक अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली फिट की गई है। इन दोनों विमानों की अमेरिका में खास साज-सज्जा की जा रही है। मौजूदा समय में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति घरेलू यात्रा के लिए भारतीय वायु सेना के विमान और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए एयर इंडिया के बोइंग–747 में उड़ान भरते हैं। इनके आने के बाद एयर इंडिया वीवीआईपी बेड़े से 25 साल पुराने बोइंग-747 विमान हटा लिये जाएंगे। यह दोनों विमान भारतीय वायुसेना के पायलट उड़ाएंगे।
एयर इंडिया वन विमान पूर्ण हवाई कमान केंद्र की तरह काम करते हैं, जिनके अत्याधुनिक ऑडियो-वीडियो संचार को टैप या हैक नहीं किया जा सकता। दोनों विमान एक तरह से मजबूत हवाई किले की तरह हैं। इनकी खरीद पर करीब 8,458 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पहले दो में से एक बोइंग के सितम्बर तक भारत को मिलने की संभावना थी लेकिन अब दोनों एयर इंडिया वन की डिलीवरी एक साथ हो रही है। वीवीआईपी एयरक्राफ्ट ‘एयर इंडिया वन’ को भारत लाने के लिए एयर इंडिया, इंडियन एयरफोर्स और सरकार के कुछ अधिकारियों के साथ सुरक्षाकर्मियों का एक दल अमेरिका गया है।
राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री के लिए नए भारतीय विमान में उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की सुविधा होगी। जो विमान को न केवल हमले से रोक सकते हैं बल्कि हमले के समय जवाबी कार्रवाई भी कर सकते हैं। यह पहला भारतीय विमान होगा जो सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट (एसपीएस) से लैस होने के नाते दुश्मन के रडार सिग्नल्स को भी जाम कर सकता है और पास आने वाली मिसाइलों की दिशा भी मोड़ सकता है। इस विमान के अंदर एक कॉन्फ्रेंस रूम, वीवीआईपी यात्रियों के लिए एक केबिन, एक मेडिकल सेंटर और साथ ही साथ अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों, स्टाफ के लिए सीटें होंगी। यह विमान एक बार ईंधन भरने के बाद लगातार 17 घंटे तक उड़ान भर सकेगा।
भारत में अभी वीवीआई बेड़े में जो विमान हैं, वे सिर्फ 10 घंटे तक ही लगातार उड़ सकते हैं। वायु सेना के विमानों की तरह ही इन नए विमानों की भी उड़ने में असीमित रेंज होगी जो एक बार में दुनिया भर की यात्रा कर सकता है। इमरजेंसी की स्थिति में प्लेन मिड-एयर रीफ्यूल करने में भी सक्षम होगा। ट्विन जीई90-115 इंजन वाला ‘एयर इंडिया वन‘ अधिकतम 559.33 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है।