महाराजा की मुश्किलें बढ़ीं, एआईआर के कर्मचारियों को अक्‍टूबर के बाद सैलरी देने के पैसे नहीं

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दरअसल नकदी के संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के अस्‍थायी तौर पर बंद होने के बाद एयर इंडिया के पास भी अपने कर्मचारियों को अक्‍टूबर के बाद सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं।



नई दिल्‍ली, 02 जुलाई (हि.स.)। घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया की हालात ठीक नहीं है। दरअसल नकदी के संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज के अस्‍थायी तौर पर बंद होने के बाद एयर इंडिया के पास भी अपने कर्मचारियों को अक्‍टूबर के बाद सैलरी देने के लिए पैसे नहीं हैं। मीडिया में चल रही खबरों पर कंपनी के सीनियर अधिकारी ने बताया कि हालात ठीक नहीं हैं।
सरकार ने दी थी 7 हजार करोड़ रुपए की सॉवरन गारंटी
अधिकारियों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि सरकार ने एयर इंडिया को जो सात हजार करोड़ रुपये की रकम पर सॉवरन गारंटी दी थी। उसमें से एयरलाइन कंपनी के पास 2,500 करोड़ रुपये बचे हैं, जिसका इस्‍तेमाल वह जल्द ही कर लेगी।
मई की सैलरी भी 10 दिन देर से कमचारियों को मिली
अधिकारी ने बताया कि तेल देने वाली कंपनियों, एयरपोर्ट ऑपरेटरों और अन्य वेंडर्स का बकाया चुकाने और कुछ महीनों की सैलरी देने में ये पैसे खर्च हो जाएंगे। एयर इंडिया सैलरी पर हर महीने 300 करोड़ रुपये खर्च करती है। वह महीनों से इसका भुगतान देरी से कर रही है। कंपनी ने मई की सैलरी भी 10 दिन की देरी से दी थी।
नागर विमानन मंत्रालय ने बजट के लिए नहीं की कोई मांग
नकदी के संकट से जूझने वाले हालात सिर्फ एयर इंडिया के नहीं बल्कि सरकार के स्वामित्व वाली बीएसएनएल लिमिटेड के भी हैं। बीएसएनएल भी कर्मचारियों को सैलरी देने की स्थिति में नहीं है। वहीं पांच जुलाई को पेश होने वाले बजट में नागर विमानन मंत्रालय ने कोई मांग नहीं रखी है। अधिकारी ने बताया कि हमने जो अंतरिम बजट में मांग रखी थी, वही इस बार भी रखी गई है। हम एयर इंडिया के लिए अलग से कुछ नहीं मांग रहे हैं।

 


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