नई दिल्ली, 11 मई (हि.स.)। विशाखापट्टनम में हुए गैस रिसाव को रोकने में भी भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने आपदा राहत के कार्यों के हिस्से के रूप में एक नया कार्य किया। आंध्र प्रदेश सरकार के अनुरोध पर आईएएफ ने एलजी पॉलिमर में स्टाइलिन मोनोमर स्टोरेज टैंक से गैस रिसाव को नियंत्रित करने के लिए गुजरात से आवश्यक 8.3 टन रसायनों को एयरलिफ्ट करके वहां पहुंचाया, तब जाकर गैस रिसाव रुकने पर आसपास के गांवों के हजारों की खतरे में पड़ी जिन्दगी बच सकी।
विशाखापट्टनम के आरआर वेंकटपुरम गांव में सात मई को एलजी पॉलिमर में गैस रिसाव की घटना होने के बाद सैकड़ों लोग बेहोश हो गए और करीब 11 लोगों की जान चली गई। इसके बावजूद तमाम कोशिशों के बाद भी गैस का रिसाव पूरी तरह नहीं थमा। आसपास स्थित गांवों के लोगों को गैस प्रभावित क्षेत्र से बाहर ले जाया गया लेकिन ग्रामीण गैस का रिसाव पूरी तरह रुकने पर ही अपने गांवों में जाने की जिद पर अड़ गए। ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन भी किया। इसके बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने भारतीय वायुसेना से गैस का रिसाव रोकने के लिए आग्रह किया। इस पर वायुसेना ने राहत कार्यों के लिए दो एएन-32 परिवहन विमानों को तैनात किया।
वायुसेना के विमानों ने लगभग 1100 किलोग्राम रसायन ब्यूटाइल कैटेचोल और 7.2 टन पॉलिमराइजेशन इनहिबिटर्स रसायन को मुंद्रा, गुजरात से आंध्र प्रदेश के विजाग तक पहुंचाया। एलजी पॉलिमर में भंडारण टैंक से लीक होने वाली गैस की विषाक्तता को कम करने के लिए यह दोनों रसायन अतिआवश्यक थे। भारतीय वायुसेना ने दिल्ली से भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के निदेशक और मुंबई से स्टाइलिन गैस के एक विशेषज्ञ की भी मदद ली। गैस रिसाव को नियंत्रित करने के लिए किए जा रहे कार्य दोनों विशेषज्ञों की निगरानी में किये गए।
भारतीय वायुसेना मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी के दौरान भारत सरकार की उभरती आवश्यकताओं को पूरा करने में लगी है। इसके अलावा आईएएफ राज्य सरकारों और सहायक एजेंसियों को भी अपनी सेवायें दे रही है। भारतीय वायुसेना ने 25 मार्च 20 को भारत सरकार की सहायता के लिए अपना अभियान शुरू करने के बाद से कुल 703 टन चिकित्सा और खाद्य सामग्री दूरस्थ इलाकों में पहुंचाया है।