नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों की भिड़ंत के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर वायुसेना को अलर्ट पर रखा गया है। भारतीय वायुसेना के विमान लगातार सीमा की चौकसी कर रहे हैं। लद्दाख में कई लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया गया है। वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने शुक्रवार को लेह और श्रीनगर एयरबेस का दौरा करके तैयारियों का जायजा लिया।
वायुसेना प्रमुख अपने दौरे के पहले चरण में वह 17 जून को लेह पहुंचे और फिर वहां से वह 18 जून को श्रीनगर एयरबेस गए। दोनों ही हवाई बेस पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के पास स्थित हैं और इस दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में किसी भी लड़ाकू विमान वाले अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए सक्षम हैं। इस समय लेह में जबरदस्त हलचल दिखाई दे रही है और वायुसेना के लड़ाकू विमान लगातार गश्त लगा रहे हैं। विमानों से सैनिकों और सामान को लद्दाख भेजा जा रहा है। वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया का यह दौरा पहले से तय नहीं था, इससे जाहिर है कि चीन से टकराव के बाद वे लेह पहुंचे हैं।
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों के शहीद होने के बाद उनका यह दौरा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने लेह और श्रीनगर एयरबेस पर जाकर तैयारियों को देखा और वायुसेना के अधिकारियों के साथ बैठक करके स्थिति की समीक्षा की। वायुसेना प्रमुख ने लद्दाख में तैनात की गई आर्मी के साथ बेहतर तालमेल के साथ काम करने के निर्देश दिए और अब तक की गईं तैयारियों को परखा। वायु सेना प्रमुख भदौरिया पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के हमले के मद्देनजर उन सभी प्लेटफार्मों की जांच की, जिन्हें क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है।
वायुसेना ने एलएसी पर नजर रखने के लिए लद्दाख में लड़ाकू विमान मल्टी रोल कम्बैक्ट, मिराज-2000, सुखोई-30एस और और जगुआर की भी ऐसी जगह तैनाती की गई है। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी भी अलग-अलग दौरा कर रहे हैं। कम्बैक्ट एयर पेट्रोल विमान लगातार उड़ान भरकर निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा चिनूक हेलीकाप्टरों को लद्दाख में तैनात सैनिकों को खाद्य और रसद सामग्री पहुंचाने में लगाया गया है। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना के जवानों को हवाई सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिकी अपाचे हेलीकॉप्टरों को उन क्षेत्रों के करीब के इलाके में तैनात किया गया है, जहां जमीनी सैनिकों द्वारा कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा एमआई-17वी5 मीडियम-लिफ्ट हेलिकॉप्टर भी सैनिकों और सामग्री परिवहन के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।वायु सेना प्रमुख के लेह और श्रीनगर दौरे के बारे में वायु सेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।