नई दिल्ली, 07 जनवरी (हि.स.)। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में आठ महीने से गतिरोध के बीच भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया अपने दो दिवसीय पूर्वी वायु कमान के दौरे पर निकले। अपनी पहली यात्रा पर पहुंचे एयर चीफ ने अरुणाचल प्रदेश को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया जिसमें फिक्स्ड-विंग सिविलियन विमानों के संचालन में कमी को पूरा करने के लिए रक्षा पायलटों को प्रदान करना भी शामिल है। उन्होंने पूर्वी वायु कमान में एयर बेस और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड का दौरा किया। मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू ने भी रक्षा तैयारियों के लिए सरकारी सहयोग का आश्वासन दिया।
एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने दौरे के पहले दिन बुधवार को सिक्किम सेक्टर में आगे के क्षेत्रों का दौरा किया और वहां तैनात वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मियों के साथ बातचीत की। इसके बाद वे अरुणाचल प्रदेश पहुंचे और राज्य की अपनी पहली यात्रा में राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीडी मिश्रा और मुख्यमंत्री पेमा खांडू से मुलाकात की। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारतीय वायुसेना प्रमुख ने खांडू को राज्य में संचालित होने वाले फिक्स्ड-विंग सिविलियन विमानों के लिए पायलटों की कमी को पूरा करने के लिए रक्षा पायलट प्रदान करने का आश्वासन दिया। अरुणाचल प्रदेश में डारंग और अनिनी के लिए उन्नत लैंडिंग ग्राउंड्स (एएलजी) पर चर्चा हुई, जिसके लिए भारतीय वायुसेना प्रमुख ने अनुकूल प्रतिक्रिया व्यक्त की। मुख्यमंत्री खांडू ने भी रक्षा तैयारियों के लिए सरकारी सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने राज्य में विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान राज्य में मानवीय सहायता बढ़ाने में सबसे आगे होने के लिए वायुसेना का आभार व्यक्त किया। राज्यपाल ने आपात स्थिति के दौरान राज्य के लोगों को एयरलिफ्ट करने के लिए वायुसेना को धन्यवाद दिया और भदौरिया को बल में शामिल होने के लिए राज्य के युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए भर्ती रैलियां आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने एक घटना को याद किया जब उन्होंने असम के तेजपुर में वायु सेना स्टेशन के वायु अधिकारी को हेलीकॉप्टर के लिए तवांग से जटिल गर्भावस्था वाली महिला को एयर लिफ्ट करने के लिए अनुरोध किया था और इसे तुरंत और प्रभावी ढंग से किया गया था।
पूर्वी क्षेत्र में सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश की चीन के साथ सीमा है। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में आठ महीने से गतिरोध चल रहा है जिसने दोनों देशों के संबंधों को काफी प्रभावित किया है। दोनों पक्षों ने गतिरोध को हल करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की वार्ताएं की हैं लेकिन समस्या का समाधान करने में कोई सफलता नहीं मिली है। इसी के मद्देनजर उन्होंने दूसरे दिन गुरुवार को पूर्वी वायु कमान में एयर बेस और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड का दौरा किया। भारतीय वायु सेना का एक एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के मुख्यालय पर असम और अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर है।