नई दिल्ली, 18 फरवरी (हि.स.)। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को कहा कि अगर समय और जगह सही तरीके से चुना गया हो तो एयरपावर असंयमित रूप से परिणाम दे सकते हैं। उन्होंने जैसलमेर (राजस्थान) की लोंगेवाला सीमा पर ’71 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना की टैंकों से हमला करने की योजना तो शानदार थी लेकिन वह एयरपावर में मजबूत नहीं थे। उन्हें लगा कि जैसलमेर में भारतीय वायुसेना की आधी स्क्वाड्रन क्या कर सकती हैं? यही उनकी गलती थी लेकिन भारत की मजबूत एयरपावर ने पाकिस्तान को मात दे दी। भारत की वायु शक्ति आज भी किसी भी दुश्मन को मात देने में सक्षम है।
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने आज एयर मार्शल भारत कुमार (सेवानिवृत्त) की पुस्तक ‘द एपिक बैटल ऑफ लोंगेवाला’ का विमोचन किया। पुस्तक विमोचन समारोह आज नई दिल्ली के पालम में वायु सेना संग्रहालय में आयोजित किया गया। इस पुस्तक में भारतीय वायुसेना की तेजी के साथ कुशलता से प्रतिक्रिया करने की उभरती क्षमता पर प्रकाश डाला गया है। कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल ने किताब लिखने के लिए रिटायर्ड एयर मार्शल भरत कुमार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पिछले युद्धों के बारे में तथ्यों के साथ लिखना महत्वपूर्ण है। ऐसी किताबें आने वाली पीढ़ियों को युद्ध के बारे में अच्छी समझ देंगी। यह किताब 1971 के युद्ध की स्वर्ण जयंती वर्ष पर लॉन्च की गई है। पुस्तक में तथ्यात्मक तरीके से लोंगेवाला युद्ध के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
जैसलमेर (राजस्थान) की लोंगेवाला सीमा पर थार रेगिस्तान में दिसम्बर, 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ था, जिसमें भारत ने जीत हासिल की थी। लोंगेवाला की यह लड़ाई दुनिया के सबसे खतरनाक टैंक युद्धों में से एक मानी जाती है। इस युद्ध में भारत के सिर्फ 2 जवान शहीद हुए और 1 एंटी-टैंक माइन नष्ट हुई थी। भारतीय वायुसेना के हंटर्स ने टैंक और हथियारबंद गाड़ियों के बीच ऐसी दहशत मचाई कि कई टैंक छोड़कर पाकिस्तानी फौजी भाग गए थे। पाकिस्तानी सेना लोंगेवाला में बेस बनाना चाहती थी लेकिन भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान की इस साजिश को नाकाम कर दिया था। समारोह में सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज (सीएपीएस) के महानिदेशक एयर मार्शल अनिल चोपड़ा (सेवानिवृत्त) और लोंगेवाला युद्ध में शामिल रहे कई अन्य विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया।