सितम्बर तक नैड से जुड़ेंगे सभी देशभर के हायर एजुकेशन संस्थान

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छात्रों को अब अपने दस्तावेजों को अपने साथ लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी। अब उन्हें एक क्लिक पर अपने तमाम एकेडमिक डॉक्युमेंट्स मुहैया हो सकते हैं। ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन यानि एआईसीटीई ने देशभर के तकनीकि संस्थानों को नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी सिस्टम से जुड़ने के निर्देश दिए हैं।



देहरादून, 02 जून (हि.स.)। छात्रों को अब अपने दस्तावेजों को अपने साथ लेकर घूमने की जरूरत नहीं होगी। अब उन्हें एक क्लिक पर अपने तमाम एकेडमिक डॉक्युमेंट्स मुहैया हो सकते हैं। ऑल इंडिया काउंसिल फोर टेक्निकल एजुकेशन यानि एआईसीटीई ने देशभर के तकनीकि संस्थानों को नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी सिस्टम से जुड़ने के निर्देश दिए हैं। संस्थानों को हर हाल में सितम्बर 2019 तक नैड से जुड़ना होगा। वहीं, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की ओर से पहले ही देश के सभी विवि व गैर तकनीकि संस्स्थानों को इस सुविधा से जुड़ने व उपयोग करने का आह्वान किया जा चुका है।
डिजिटल इंडिया प्लान के तहत मिली सुविधा
गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने डिजिटल इंडिया प्लान के तहत देशभर के छात्रों और संस्थानों को एक ऐसी फ्री सुविधा प्रदान की है, जिसके जरिए वे कहीं भी और कभी भी अपने एकेडमिक डॉक्युमेंट्स प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें ऑरीजनल कॉपी साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं। इतना ही नहीं इस सुविधा के लिए छात्रों को भी कोई जेहमत नहीं उठानी पड़ती। संस्थान अपने स्तर से छात्रों को प्रदान किए गए तमाम अवॉर्ड और अन्य एकेडमिक दस्तावेज ऑनलाइन नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी में सुरक्षित करने का काम करेंगे। इस सुविधा के होने से छात्रों को अपने मूल दस्तावेजों की जरूरत नहीं होगी, केवल नैड यानि डिजिटल लॉकर का लिंक ही काफी ही काफी होगा।
सभी डॉक्युमेंट कर सकते हैं अपलोड
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को आगे बढ़ाते हुए यूजीसी व एआईसीटीई ने नैड सेवा को लागू करने का फैसला किया था। जानकारों की मानें तो यह सुविधा पूरी तरह से सिक्योर रखी गई है। जिन छात्रों के दस्तावेज यहां मौजूद होंगे। उन्हें अपने दस्तावेजों को देखने और हासिल करने के लिए एक खास यूजर अपनी आईडी भी मिलेगी। कैंडिडेट्स अपनी जरूरी जानकारी दर्ज कर इसे सेवा का लाभ ले सकेंगे।
अभी भी कई संस्थान नहीं ले रहे लाभ
तकरीबन दो साल पहले इस सुविधा का आगाज यूजीसी द्वारा किया गया था। जिसके एआईसीटीई ने भी इसे पूरी तरह से लागू करने का फैसला किया था। लेकिन इसके बाद भी संस्थानों ने न खुद को तकनीकि रूप से समृद्ध किया और न ही दिशा निर्देशों को गौर किया। जिसके चलते आज भी इस सेवा से सैंकड़ों संस्थान किनारा किए हुए है। अब संस्थानों के गैर जिम्मेदाराना रवैये को देखते हुए एआईसीटीई ने तकनीकि संस्थानों को नैड से जुड़े के लिए सितम्बर तक का समय दिया है। काउंसिल के चेयरमैन प्रो. अनिल डी सहस्त्रबुद्धे की ओर देश के सभी संस्थानों के प्रधानाचार्य, निदेशक व कुलसचिवों को सर्कुलर जारी कर सितम्बर 2019 तक हर हाल में सेवा से जुड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
छात्र-छात्राओं को होगी सहूलियत
सुविधा को लेकर श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यूएस रावत ने कहा कि भारत सरकार लगातार डिजिटल इंडिया की ओर कदम रख रही है। यही कारण है कि तमाम चीजों को एक क्लिक पर सीमित करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन अभी भी कई संस्थान ऐसे हैं जो इस सेवा का उपयोग नहीं कर रहे है। जबकि, इस सेवा के जरिए छात्र-छात्राओं को अपने दस्तावेजों की सुरक्षा और उन्हें हर वक्त साथ रखने के झंझट से छुटकारा मिलेगा। इससे संस्थानों को भी फायदा होगा।

 


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