सहकारिता के माध्यम से बढ़ सकेंगे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर: तोमर
नई दिल्ली, 04 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) का सहकार कॉपट्यूब चैनल लांच किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सहकारिता हमारी संस्कृति की आत्मा है।
उन्होंने सहकारिता से नई पीढ़ी के भी ज्यादा से ज्यादा लोगों के जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि नए चैनल जैसी पहल से इस दिशा में जागरूकता आएगी। सहकारिता के माध्यम से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी काफी बढ़ सकेंगे। एनसीडीसी ने वनस्टॉप चैनल के रूप में इंटरनेट पर अपना यह चैनल शुरू किया है, जो शुरुआत में हिंदी एवं 18 राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में रहेगा। तोमर ने राज्यों के लिए ‘सहकारी समितियों के गठन व पंजीकरण’ के मार्गदर्शक वीडियो जारी कर इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि जिस तरह परिवार में सभी लोग एक साथ रहते हुए किसी उद्देश्य के लिए काम करते हैं तो उसमें सफलता निश्चित रूप से मिलती है, उसी तरह सहकारिता के माध्यम से समूह में काम करने से निश्चय ही प्रगति होती है।
तोमर ने एनसीडीसी की प्रगति की तारीफ करते हुए कहा कि उसने एपेक्स सांविधिक संस्था के रूप में सहकारी संस्थाओं को 1,54,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता अभी तक दी है और कुल संवितरण का 83 प्रतिशत (98 हजार करोड़ रु.) अकेले पिछले 6 वर्षों में ही किया हैं। सहकारिता क्षेत्र मुख्य रूप से कृषि से जुड़ा हुआ है, जो इस चैनल के माध्यम से और आगे बढ़ सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए चैनल पर सहकारिता को लेकर जागरूकता का प्रसार होगा और सहकारी समितियों के गठन के साथ ही नए प्रोजेक्ट बनाने आदि के बारे में भी मार्गदर्शन मिलेगा। चैनल पर पूरी प्रक्रिया बताए जाने से कोई धोखाधड़ी नहीं कर सकेगा। ज्यादा से ज्यादा युवा सहकारिता से जुड़ेंगे तो रोजगार का सृजन होगा और इसका लाभ कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी के उपयोग से समय व श्रम दोनों की बचत होगी। युवाओं का आकर्षण खेती की तरफ बढ़ेगा, पढ़े-लिखे युवा खेती-किसानी से जुड़ेंगे तो कृषि क्षेत्र के साथ ही देश की भी तरक्की होगी।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर कृषि क्षेत्र के साथ ही सहकारिता को भी बढ़ावा देने पर है। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 10 हजार नए एफपीओ की योजना से भी सहकारिता को बल मिलेगा। भारत सरकार की अनेक योजनाएं हैं, जो कृषि क्षेत्र को बल देने वाली है। इस क्षेत्र में व्यापक सुधार हो रहे है। इनका उद्देश्य कृषि, बागवानी एवं सम्बद्ध क्षेत्र तथा कृषि बुनियादी ढांचे के विकास, लघु- खाद्य उद्यमों, मूल्य श्रृंखलाओं व मत्स्य पालन एवं पशु पालन, औषधीय व हर्बल पौधों, मधुमक्खी पालन तथा ऑपरेशनल ग्रीन के विभिन्न अंगों में विविध प्रकार के संपूर्ण सुधार एवं उपाय तथा विभिन्न गतिविधियों एवं सेवाओं को मजबूत बनाना है। एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड सहित अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए भी केंद्र सरकार ने पैकेज घोषित किए हैं, जिनके माध्यम से आत्मनिर्भर भारत को आकार दिया जाना है। ये सब जमीन पर उतरें और एफपीओ की भूमिका सार्थक हो, किसानों की आय बढ़े, उत्पादन व उत्पादकता बढ़े, किसान ही प्रोसेसिंग, लेबलिंग व पैकिंग कर स्वयं उपज बेच सकें तो निश्चित रूप से उन्हें उचित मूल्य मिलेगा और आय बढ़ेगी। इस दृष्टि से पैकेज बहुत महत्वपूर्ण है, नए चैनल से भी इस दिशा में फायदा होगा।