कृषि विश्वविद्यालय ई-कोर्सेस विकसित करें, चलाएं ऑनलाइन कक्षाएः आईसीएआर
नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी के मद्देनजर कृषि विश्वविद्यालयों को सलाह देते हुए कहा है कि वह स्वयं के ई-कोर्सेस विकसित करें और ऑनलाइन कक्षाओं को जरिए छात्राओं को पढ़ाएं। इसके साथ ही विश्वविद्यालयों को पीएचडी व एमएससी के छात्रों की मौखिक परीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग कराने को भी कहा गया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के दिशा-निर्देशों के अनुसार आईसीएआर ने गुरूवार को शिक्षण प्रक्रिया में निरंतरता के लिए कई तात्कालिक उपाय किए हैं। विश्वविद्यालय को कहा गया है कि जिन छात्रों का शोध पूरा नहीं हो पाया है, उन्हें छह माह की मोहलत दी जाए।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर अकादमिक एवं कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों और आईसीएआर-कृषि शिक्षा प्रभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने मिलकर देश के 74 कृषि विश्वविद्यालयों को यह सलाह जारी की है। कृषि शिक्षा से संबंधित सभी राज्य कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और केंद्रीय विश्वविद्यालय जिनमें कृषि संकाय है, उनमें भी यह निर्देश लागू करने हेतु भेजा गया है।
शिक्षकों से कहा गया है कि वे ई-कोर्सेस विकसित कर छात्रों को दें तथा इनसे ऑनलाइन कक्षाएं लें। आईसीएआर के शिक्षा पोर्टल पर उपलब्ध ई-पाठ्यक्रम अथवा किसी अन्य पोर्टल पर उपलब्ध शिक्षा सामग्री छात्रों के लिए उपलब्ध कराई जाएं। आईसीएआर ने पहले ही सभी शोधकर्ताओं तथा छात्रों को कहीं से भी शोध पत्र पढ़ने तथा डाउनलोड करने के लिए रिमोट एक्सेस दिया है, ताकि परियोजना,अनुसंधान कार्य प्रभावित न हों। यदि परीक्षा के माध्यम से मूल्यांकन संभव नहीं है, तो छात्रों के पिछले मूल्यांकन के आधार पर निर्णय ले सकते हैं।
मास्टर्स तथा पीएचडी छात्रों को प्राधिकरणों, सरकारों द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत अनुसंधान स्टेशनों, अनुसंधान संस्थानों, क्षेत्रीय अनुसंधान स्टेशनों, कृषि विज्ञान केंद्रों में अपने शोध कार्य करने के लिए भी निवेदन किया गया है। विश्वविद्यालय पीएचडी और एमएससी छात्रों की मौखिक परीक्षा किसी भी विश्वसनीय और पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तकनीक का उपयोग करके वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कर सकते हैं। जो छात्र शोध पूरा नहीं कर पाए हैं, उनको छह महीने का समय देने को कहा गया है। इसके साथ ही 2019-20 के शेष सत्र और अगले सत्र 2020-21 के नुकसान की भरपाई के लिए सप्ताह के अंत के दौरान कार्य करने के लिए कहा गया है।