मुंबई, 16 जनवरी (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत के छत्रपति शिवाजी विरोधी बयान को लेकर जोरदार आंदोलन शुरू कर दिया है। भाजपा के दो विधायक घाटकोपर व सायन में राऊत के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। इसी तरह सातारा जिले में भी राऊत के विरोध में जोरदार आंदोलन की शुरुआत हुई है। आंदोलनकारियों की मांग है कि राऊत अपने बयान व महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगें।
उल्लेखनीय है कि संजय राऊत ने एक चैनल को साक्षात्कार देते हुए कहा था कि भाजपा के पूर्व सांसद उदयन राजे भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज हैं, इसका सबूत उन्हें राज्य की जनता को देना चाहिए। इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा था कि राज्य की जनता जानती है कि छत्रपति उदयन राजे भोसले छत्रपति शिवाजी महाराज के 17वें वंशज है, इसलिए सबूत की जरुरत नहीं है। चंद्रकांत पाटील ने कहा कि संजय राऊत को उनके बयान पर माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद भाजपा विधायक राम कदम ने गुरुवार को सुबह से ही घाटकोपर पुलिस स्टेशन के सामने आंदोलन शुरु कर दिया है। राम कदम ने कहा कि राऊत के बयान के बाद राज्य की जनता में असंतोष फैल गया है, इसलिए असंतोष फैलाने के लिए राऊत पर पुलिस स्टेशन में मामला भी दर्ज होना चाहिए। राम कदम शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
इसी तरह भाजपा विधायक प्रसाद लाड ने सायन में राऊत के विरोध में जोरदार आंदोलन जारी रखा है। प्रसाद लाड ने कहा कि छत्रपति घराने पर शक पैदा करने जैसा बयान देकर राऊत ने अपने दिमागी दिवालियेपन को साबित कर दिया है। प्रसाद लाड ने कहा कि छत्रपति घराने से सबूत सिर्फ मुगल घराने के लोग ही मांग सकते हैं। लाड भी स्थानीय पुलिस स्टेशन में राऊत पर आपराधिक मामला दर्ज कराने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसी तरह सातारा जिले में छत्रपति उदयन राजे भोसले के समर्थकों ने आज सातारा बंद कर जोरदार आंदोलन छेड़ रखा है। यहां आंदोलनकारी शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत पर मामला दर्ज करवाने की मांग कर रहे हैं।
संजय राऊत ने गुरुवार को कहा कि उदयन राजे ने ही यह विवाद शुरू किया है। उन्होंने शिवसेना, शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे की जो आलोचना की थी, उसी का जवाब उन्होंने दिया था। राजनीति में आरोप प्रत्यारोप चलते रहते हैं। राऊत ने कहा कि सातारा की कल्पना राजे भोसले, कोल्हापुर के अभय राजे भोसले शिवसेना में रह चुके हैं लेकिन किसी ने भी शिवसेना पर सवाल नहीं किया था। हर पार्टी की भूमिका रहती है और उसके नेता को पार्टी की भूमिका जनता में रखना आवश्यक रहता है। राजनीति में सवाल उत्पन्न होने पर उसका जवाब दिया जाना आवश्यक रहता है। उनकी तरफ से कभी भी किसी के प्रति अनादर व्यक्त नहीं किया गया है। उनकी संस्कृति हमेशा आदर दो और आदर लो की ही रही है।