शुभेंदु एवं राजीव के बाद अब जितेंद्र तिवारी ने दिखाये बगावती तेवर

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राज्य सरकार पर लगाया केंद्रीय योजनाओं के लाभ से वंचित रखने का आरोप



कोलकाता, 14 दिसम्बर (हि.स.)। 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इसकी वजह अपने ही लोगों की नाराजगी है। राज्य के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और मंत्री राजीव बनर्जी के बाद अब आसनसोल नगर निगम के निवर्तमान मेयर जितेंद्र तिवारी ममता बनर्जी की सरकार से नाराज हो गए हैं। बंगाल सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की मंजूरी नहीं मिलने के कारण केंद्रीय परियोजना के तहत आसनसोल नगरपालिका को 2,000 करोड़ रुपये नहीं मिले। जितेंद्र ने रानीगंज गर्ल्स कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम के नाम एक चिट्ठी लिखी है।

पत्र में उन्होंने लिखा, “केंद्र सरकार ने आसनसोल को स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना के लिए नामित किया। लेकिन आसनसोल नगरपालिका केंद्रीय परियोजना से 2,000 करोड़ रुपये नहीं ले सकी क्योंकि उसे राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिली।” उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनीतिक कारणों से आसनसोल नगरपालिका को केंद्रीय परियोजना से पैसा नहीं लेने दिया गया। तृणमूल विधायक जितेंद्र तिवारी आसनसोल नगरपालिका के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर के अध्यक्ष हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि नगरपालिका मामलों के मंत्री ने राज्य सरकार की ओर से पैसा देने का वादा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आसनसोल नगरपालिका को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजना के लिए केंद्र से 1,500 करोड़ रुपये लेने की अनुमति नहीं दी गयी। उनकी सीधी शिकायत यह है मंत्री फिरहाद हकीम ने उन्हें पैसा नहीं लेने दिया। आसनसोल के नगर प्रशासक ने आरोप लगाया कि कई परियोजनाएं शहर के कार्यालय में प्रस्तुत की गयी लेकिन उन्हें मंजूरी नहीं दी गयी। उन्होंने पत्र में निवेदन किया कि आसनसोल नगरपालिका को केंद्रीय परियोजना से पैसा लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।

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