कोहिमा (नगालैंड), 31 दिसम्बर (हि.स.)। आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (अफस्पा) की मियाद अगले छह माह के लिए बढ़ा दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को इसकी घोषणा की गई। इस कानून की मियाद 31 दिसम्बर को समाप्त हो रही थी।
नगालैंड में उग्रवादी गतिविधियां जारी रहने की वजह से इस कानून की मियाद अगले छह माह के लिए फिर से बढ़ा दी गई है। मालूम हो कि देश के अशांत घोषित क्षेत्रों में इस कानून को लागू किया जाता है, जिसके तहत सशस्त्र बालों को विशेष अधिकार प्राप्त हो जाता है।
पूर्वोत्तर राज्यों के अशांत इलाकों में इस कानून को लागू रखा गया है। हालांकि इस कानून को हटाने की मांग लंबे समय से होती रही है। मणिपुर की इरोम शर्मिला 14 वर्षों तक इस कानून को हटाने के लिए अनशन कर चुकी हैं। बावजूद इसके इस कानून को हटाया नहीं गया क्योंकि देश की आंतरिक सुरक्षा बहाल रखने के लिए जहां जरूरत होता है वहां केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार की अनुशंसा के बाद इस कानून को लगाया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश में यह कानून आंशिक रूप से कुछ जिलों में लागू है। इसी प्रकार मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा आदि राज्यों के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी इस कानून को लागू रखा गया है। इस कानून को छह माह के लिए ही लगाया जाता है। छह माह की अवधि के दौरान उस स्थान के आंतरिक सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा केंद्र तथा राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा की जाती है, जिसके बाद इसकी मियाद छह महीने के लिए बढ़ा दी जाती है। नगालैंड अब भी राज्य सरकार द्वारा अशांत क्षेत्र घोषित है। यही वजह है कि यहां इस कानून को अगले छह माह के लिए बढ़ा दिया गया है।