लॉस एंजेल्स, 16 जून (हि.स.)। सेंट्रल अफ़्रीका में ‘इबोला’ नामक बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है। इस बीमारी से कांगो और युगांडा में कम से कम 1400 लोगों के मारने की आशंका है। इनके अलावा इन दोनों देशों में 2100 लोग संक्रमित बताए जाते हैं।
विदित हो कि पश्चमी अफ़्रीका में सन 2014 में इबोला संक्रमण से ग्यारह हज़ार लोग मारे गए थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को जारी एक वक्तव्य में कांगो और युगांडा में इबोला संक्रमण के फैलने की जानकारी देते हुए हेल्थ इमेजेंसी की बात की थी। लेकिन इसे अन्तर्राष्ट्रीय इमेर्जेंसी के मानकों के अनुरूप नहीं पाया था।
वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि इबोला से पीड़ित दोनों देशों के पास इस रोग से मुक़ाबला करने के लिए संसाधन नहीं हैं। कांगो और युगांडा के पांच सौ मिल लंबे बार्डर से संक्रमित लोगों के आवागमन से यह रोग महामारी का रूप लेता जा रहा है। इस रोग के लक्षणों में तेज़ ज्वर, उल्टियां आना और शरीर में पानी की कमी शामिल हैं।
कांगो में सभी 145 अस्पतालों में 4700 हेल्थ कर्मियों को इबोला रोधी टीका लगाया गया है और इसके नियंत्रण के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। लोगों से कहा जा रहा है कि वे एक दूसरे को छूने और हाथ मिलाने से बचें। यह रोग छींकने, नाक बहने, पसीने को छूने तथा पसीने अथवा रक्त को नंगे हाथों से छूने से फैल रहा है।