नई दिल्ली, 03 फरवरी (हि.स.)। एयरो इंडिया-2021 के मौके पर भारत 04 फरवरी को हिन्द महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन की मेजबानी करेगा। यह सम्मेलन रक्षा मंत्रियों के बीच संवाद को बढ़ावा देने की एक पहल है जो हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दे सकता है।
कॉन्क्लेव में मालदीव, कोमोरोस, ईरान और मेडागास्कर समेत 18 देशों के रक्षा मंत्री बेंगलुरु पहुंचकर शामिल होंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, केन्या, सेशेल्स, मॉरीशस, कुवैत और म्यांमार के राजदूत या उच्चायुक्त अपने देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे। सूडान के रक्षा सचिव और 10 देशों के सेवा प्रमुख भी इस कॉन्क्लेव में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा छह देशों के रक्षा मंत्रियों ने कॉन्क्लेव में भाग न ले पाने के कारण अपने रिकॉर्ड किए गए संदेश भेजे हैं। सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के बीच जहाज निर्माण के लिए भारतीय रक्षा शिपयार्ड में उपलब्ध संसाधनों का साझाकरण, मैत्रीपूर्ण देशों के साथ भारतीय बंदरगाह, समुद्री जागरुकता बढ़ाने के लिए सूचना-साझाकरण, समुद्री निगरानी और सहयोग पर चर्चा होगी। इसके अलावा मानवीय सहायता और आपदा राहत, समुद्री प्रदूषण, समुद्री संसाधनों के दोहन के लिए प्रौद्योगिकियों और क्षमताओं के विकास पर भी जोर दिया जायेगा।
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा मंत्रियों के कॉन्क्लेव के बाद दो सेमिनार होंगे। पहला सेमिनार 04 फरवरी को भारतीय नौसेना और नौसेना समुद्री फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाएगा। दूसरा सेमिनार 05 फरवरी को इंडियन कोस्ट गार्ड, भारत शक्ति, इन्वेस्ट इंडिया, इंडियन डिफेंस शिपयार्ड एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित किया जाएगा। रक्षा मंत्रियों के कॉन्क्लेव और दोनों सेमिनार हिन्द महासागर क्षेत्र को ’शांति, प्रगति और समृद्धि’ के क्षेत्र में साकार करने में सहायक होंगे और आपसी सहयोग और समन्वय को बढ़ाएंगे। भारत भौगोलिक रूप से हिन्द महासागर का केंद्र है और इसकी 7,500 किलोमीटर की विशाल तटरेखा है, इसीलिए भारत ने एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में प्रयासों के समन्वय के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने और साझेदारी करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है।