नई दिल्ली, 09 जनवरी (हि.स.)। इस बार बेंगलुरू में होने वाले एयरो इंडिया-2021 पर विदेशी कंपनियों के लिहाज से कोरोना का असर दिख रहा है। एयरो इंडिया में आने के लिए अब तक सिर्फ 75 विदेशी रक्षा कम्पनियों ने स्टॉल्स की बुकिंग करवाई है जबकि 2019 में हुए पिछले संस्करण में 200 से अधिक विदेशी रक्षा कम्पनियों ने अपने प्रदर्शनी स्टॉल लगाए थे। इसके बावजूद प्रमुख विदेशी प्रतिभागियों में अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजराइल की कंपनियां शामिल होंगी, जिनके पहले से ही भारतीय निर्माताओं के साथ संयुक्त उद्यम चल रहे हैं। इस बार के एयर शो में मुख्य रूप से भारत ‘मेक इन इंडिया’ के तहत अपने स्वदेशी रक्षा उद्योग की ताकत दिखायेगा।
एयरो इंडिया-21 का 13वां संस्करण 3 से 7 फरवरी, 2021 तक बेंगलुरु (कर्नाटक) के वायु सेना स्टेशन, येलहंका में आयोजित किया जाएगा। एयरो इंडिया एशिया का सबसे बड़ा एयर शो और विमानन प्रदर्शनी है, जिसे 1996 के बाद से बेंगलुरु में द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है। पिछले एयर शो में फ्रांस की एयरबस, दासौ एविएशन, दासौ सिस्टम्स, फ्रेंच एयर फोर्स और थेल्स समेत 43 विदेशी कंपनियों ने हिस्सा लिया था। अमेरिका की भी 27 कंपनियों ने ‘एयरो इंडिया’ में अपने स्टॉल लगाए थे, जिनमें बोइंग और लॉकहीड मार्टिन जैसी कंपनियां प्रमुख थीं। रूस ने भी 17 कंपनियों के साथ इस एयर शो में भागीदारी की थी। कुल मिलाकर एयरो इंडिया-2019 में करीब 200 विदेशी रक्षा कम्पनियों ने अपने स्टॉल लगाए थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एशिया में हथियारों के इस सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए 11 सितम्बर को वेबसाइट https://aeroindia. gov.in लांच की। इस ऑनलाइन इंटरफ़ेस पर विदेशी व्यापारियों के लिए ’पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर ऑनलाइन पंजीकरण और बुकिंग की सुविधा दी गई। प्रदर्शनी में स्टॉल लगाने के लिए 31 अक्टूबर, 2020 से पहले वेबसाइट के जरिये स्टॉल बुक करने पर छूट का ऑफर देकर विदेशी रक्षा कम्पनियों को आकर्षित करने का प्रयास किया गया। इस सबके बावजूद अभी तक अगले महीने सजने वाले ‘अंतरराष्ट्रीय हथियार मेला’ के लिए विदेशी रक्षा कम्पनियों ने बहुत कम दिलचस्पी दिखाई है।
वेबसाइट के मुताबिक वैश्विक रक्षा उद्योग ने कोविड-19 महामारी के चलते द्विवार्षिक एयर शो के लिए अभी तक सिर्फ 75 विदेशी कम्पनियों ने स्टॉल्स की बुकिंग करवाई है। स्वीडिश कम्पनी साब ने इस अंतरराष्ट्रीय मेले से दूर रहने का फैसला किया है जबकि यह कंपनी भारतीय वायु सेना के 114 लड़ाकू विमान अनुबंध पर नजर गड़ाए हुए है। 75 विदेशी बुकिंग में अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन और उसकी 7 सहयोगी फर्में शामिल हैं। फ्रांस ने सबसे ज्यादा 23 स्टॉल्स की बुकिंग की है। इसके बाद वैश्विक निर्माताओं में 21 अमेरिकी कंपनियों ने स्टॉल बुक किये हैं। चीन को आमंत्रित नहीं किया गया है लेकिन ताइवान की एक कंपनी एयरो इंडिया में भाग ले रही है। रूसी कंपनियों में एस-400 मिसाइल प्रणाली के निर्माता अल्माज़ एंटे सहित कई शीर्ष कंपनियां शो में मौजूद रहेंगी।
अब तक कुल 457 भारतीय कंपनियों ने स्टॉल्स की बुकिंग की है। इसमें गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) की 61 और इससे जुड़ीं 21 कम्पनियां हैं। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनियों के अलावा डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं और अन्य राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों ने दिलचस्पी दिखाई है। अधिकारियों ने कहा कि एयरो इंडिया में इस बार प्रमुख रक्षा निर्माताओं में से अधिकांश भारतीय कंपनियां होंगी, जिनकी संख्या 530 से अधिक हो सकती है। हालांकि यह शो कोविड गाइडलाइंस को देखते हुए आम जनता के लिए नहीं होगा ताकि अधिक भीड़ न होने पाए लेकिन इस प्रदर्शनी में ’मेक इन इंडिया’ पहल के तहत प्रमुख घोषणाएं होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने कहा कि स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
एयरो इंडिया में इस बार एक ‘भारत मंडप’ लगाया जायेगा, जिसमें उन स्वदेशी उत्पादों का प्रदर्शन किया जायेगा, जिनका विदेशी मित्र देशों को निर्यात किया जा सकता है। यह भारतीय मंडप विमान, मिसाइल और अन्य वैमानिकी उत्पादों के साथ शो का केंद्र बिंदु होगा। रक्षा सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बार एयरो इंडिया में वास्तविक सिस्टम और प्लेटफॉर्म लाने के बजाय मॉडल पर ध्यान दिया जाएगा। इस बार एयरो इंडिया के प्रति अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों की दिलचस्पी कम होने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि बेंगलुरु आने पर उन्हें कर्नाटक सरकार की कोविड गाइडलाइंस का पालन करना होगा, जिसमें सरकार ने कहा है कि विदेश से आने वाले सभी लोगों को सात दिनों के लिए स्व-संगरोध करना होगा।
रक्षा उत्पादन सचिव राज कुमार ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों प्रदर्शकों से उत्साही प्रतिक्रियाएं मिली हैं। यह शो इस बार हिन्द महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों के एक सम्मेलन की भी मेजबानी करेगा। रक्षा मंत्री पिछले छह महीनों से विदेशी प्रतिनिधिमंडलों को आमंत्रित करने और वैश्विक फर्मों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने में व्यस्त हैं। उन्होंने प्रक्रिया को सुचारू करने के लिए नियमित प्रगति बैठकें आयोजित की हैं। कोविड संकट के बावजूद एयर डिस्प्ले होगा, जिसमें वायुसेना के लड़ाकू विमान आसमानी करतब दिखायेंगे। रक्षा उत्पादन विभाग में अतिरिक्त सचिव, संजय जाजू ने कहा कि वैश्विक कंपनियों का कहना है कि वे ‘मेक इन इंडिया’ के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए इस कार्यक्रम को नहीं छोड़ेंगे।
टाटा एयरोस्पेस एंड डिफेंस के साथ साझेदारी में परिवहन विमानों के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार एयरबस इंडिया एंड साउथ एशिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी माइलार्ड ने कहा कि कोविड-19 संकट से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद एयरो इंडिया में देश के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता के रूप में देखेंगे। हम एक जीवंत और फलदायी घटना की प्रतीक्षा कर रहे हैं।