कांग्रेस का अंतर्कलह जारी , सांसद सम्मान से अधीर ने बनाई दूरी

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कांग्रेस की  पश्चिम बंगाल  इकाई में पूर्व प्रदेश  अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और वर्तमान प्रदेश  अध्यक्ष सोमेन मित्रा के गुट के बीच सिर फुटौव्वल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शनिवार को प्रदेश कांग्रेस की ओर से जीते हुए सांसदों को सम्मानित करने की योजना बनाई गई है जिसमें मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर से जीत दर्ज करने वाले अधीर रंजन चौधरी ने जाने से इनकार कर दिया है।



कोलकाता, 08 जून (हि.स.)। कांग्रेस की  पश्चिम बंगाल  इकाई में पूर्व प्रदेश  अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और वर्तमान प्रदेश  अध्यक्ष सोमेन मित्रा के गुट के बीच सिर फुटौव्वल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शनिवार को प्रदेश कांग्रेस की ओर से जीते हुए सांसदों को सम्मानित करने की योजना बनाई गई है जिसमें मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर से जीत दर्ज करने वाले अधीर रंजन चौधरी ने जाने से इनकार कर दिया है। शनिवार को एक बयान जारी कर चौधरी ने स्पष्ट किया है कि वह इस सम्मान समारोह में नहीं जाएंगे। हालांकि उन्होंने नहीं जाने के कारणों के बारे में कुछ भी नहीं कहा है। केवल एक लाइन के अपने बयान में चौधरी ने कहा है कि शनिवार अपराह्न 3:00 बजे कोलकाता के विधान भवन में प्रदेश कांग्रेस की ओर से आयोजित सांसद सम्मान समारोह में वह शामिल नहीं हो रहे हैं। इसके बाद एक बार फिर यह चर्चा तेज हो गई है कि प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है।

बताया जाता है कि  लोकसभा चुनाव के दौरान  अधीर रंजन चौधरी के क्षेत्र  में कांग्रेस के किसी बड़े  नेता ने प्रचार नहीं किया था। उन्हें लगभग किनारे करके रखा गया था। नवंबर 2018 में जब राहुल गांधी ने अधीर रंजन चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था और उनकी जगह पर सोमेन मित्रा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था उसके बाद से पार्टी में गुटबाजी सतह पर उभर आई थी। सोमेन मित्रा ने अधीर रंजन चौधरी द्वारा नियुक्त किए गए सभी प्रभारियों को हटा दिया था। यहां तक कि दफ्तर में उनके द्वारा लगाई गई तस्वीरें भी हटा दी गई थीं। पार्टी में अधीर गुट के लोगों को किनारे लगा दिया गया था और प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया इंचार्ज रहे सुमन घोष को भी दरकिनार कर दिया था । इसके बाद प्रदेश कांग्रेस की ओर से जितने भी कार्यक्रम आयोजित किए गए, उन सभी कार्यक्रमों से अधीर रंजन चौधरी ने दूरी बना कर रखी थी। यह भी बताया गया था कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से उन्हें आधिकारिक तौर पर बुलाया भी नहीं जाता था। राजनीतिक तौर पर सोमेन मित्र अगर कोई कार्यक्रम करते थे तो अधीर रंजन चौधरी अपना अलग कार्यक्रम तय कर अपने समर्थकों के साथ उसका पालन करते थे। अब लोकसभा चुनाव में खराब  प्रदर्शन के बाद भी पार्टी में गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। अधीर रंजन चौधरी की अनुपस्थिति को लेकर सोमेन मित्रा से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है। गौर हो कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से विधान भवन स्थित प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के सांसदों को सम्मानित करने का कार्यक्रम तय किया गया है। अब अधीर रंजन चौधरी के नहीं जाने की वजह से अकेले अबू हसेम खान चौधरी को सम्मानित किया जाएगा।

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