अधीर को फिर मिली प्रदेश कांग्रेस की कमान, बढ़ेगी सांगठनिक मजबूती

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कोलकाता, 10 सितम्बर (हि.स.)। मुर्शिदाबाद के बहरामपुर से वरिष्ठ सांसद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। बुधवार देर रात कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं। इससे अधीर गुट में खुशी की लहर है।

उल्लेखनीय है कि 30 जुलाई को निवर्तमान अध्यक्ष सोमेन मित्रा के निधन के बाद से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद रिक्त था। बंगाल कांग्रेस के प्रभारी गौरव गोगोई की अध्यक्षता में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए लंबी चर्चा की गई थी लेकिन किसी के नाम पर सहमति नहीं बन रही थी। इसी बीच अब्दुल मन्नान ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर अधीर रंजन चौधरी को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर दी जिसे मान लिया गया है।
कांग्रेस के आंतरिक सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी अधीर रंजन चौधरी को बहुत पसंद नहीं करते लेकिन वे सोनिया गांधी के पसंदीदा हैं। वह बंगाल के पहले ऐसे नेता हैं जो लगातार पांच बार सांसद के तौर पर जीतते आ रहे हैं। इसके पहले अधीर रंजन नवग्राम विधानसभा सीट से 2 बार विधायक चुने गए थे। साथ ही 2014 से 2018 तक वह प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें अचानक प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। उन्हें हटाए जाने की सूचना भी नहीं दी गई थी। मीडिया के जरिए उन्हें इसकी जानकारी मिली थी कि उनकी जगह सोमेन मित्रा को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया है। इसे लेकर अधीर रंजन बहुत नाराज थे।
खबर यह भी है कि सोनिया गांधी ने इस बार जब अधीर रंजर को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाया, तब भी वह इसके लिए तैयार नहीं थे। सोनिया गांधी ने तीन बार उन्हें इसके लिए संदेश भेजा था। अधीर रंजन हर बार इनकार कर देते। 2018 में प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए जब राहुल गांधी ने उन्हें हटाया था तो उन्होंने नाराजगी जताई थी। तब राहुल ने उनसे माफी मांगी थी और उन्हें सूचना नहीं देने के लिए प्रदेश प्रभारी गौरव गोगोई को फटकार भी लगाई थी।
दरअसल अधीर रंजन चौधरी उन नेताओं में से हैं जो जमीनी तौर पर बड़ा जनाधार रखते हैं और लोगों के हित में कई बार पार्टी लाइन से अलग हटकर भी न केवल बयानबाजी बल्कि काम भी कर चुके हैं। इसलिए न केवल कांग्रेस कार्यकर्ता बल्कि आम लोगों के लिए भी अधीर पसंदीदा रहे हैं। अब एक बार फिर जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है तो उम्मीद की जा रही है कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी राज्य में सांगठनिक तौर पर और अधिक मजबूत होगी।

 


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