पटना, 25 अक्टूबर (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भागलपुर जिले के सृजन घोटाला मामले में बेतहाशा पैसे बटोरने वाली तत्कालीन एडीएम जयश्री ठाकुर की 6.85 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर पर जमीन अधिग्रहण की आड़ में गलत तरीके से करोड़ों रुपये की कमाई का आरोप है।
प्रवर्तन निदेशालय से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व अपर जिलाधिकारी जयश्री ठाकुर की 6.85 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर के 42 बैंक खातों, 16 जमीन के प्लॉट, एक फ्लैट और 15 इंश्योरेंस पॉलिसी को जब्त किया गया है।
वर्ष 2017 के अगस्त माह में पहले सृजन घोटाला के खुलासा और फिर आरोपितों में जयश्री का नाम आने के बाद उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। साल 2013 में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने जयश्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। साथ ही उनके ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। जांच में पता चला कि जयश्री ठाकुर ने सरकार को दी गई जानकारी में भी संपत्ति की असलियत छिपाई है। साल 2003 से 2014 के बीच करीब एक हजार करोड़ से अधिक का सृजन घोटाला हुआ था।
पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर ने जमीन अधिग्रहण की आड़ में गलत तरीके से करोड़ों रुपये की कमाई की थी। खासकर बांका में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के पद पर तैनाती के दौरान जयश्री ठाकुर ने जमकर धांधली की थी। इस कड़ी में विशेष तरीके से जमीन के जरिए करोड़ों की कमाई की गई।
दरअसल, जमीन अधिग्रहण होने से कुछ समय पहले जयश्री संबंधित एरिया की जमीन स्थानीय लोगों से औने-पौने कीमत पर खरीद लेती थीं। बाद में सरकार द्वारा अधिग्रहण के समय उसी जमीन की दस गुनी अधिक कीमत हासिल कर लेती थीं।
सृजन घोटाले के खुलासे से काफी पहले ही ईओयू ने जयश्री ठाकुर के भ्रष्टाचार की पोल खोली थी। तफ्तीश में यह हकीकत सामने आने पर तब उनके खिलाफ सरकारी पद के दुरुपयोग का मामला भी दर्ज किया गया था। साथ ही जमीन के जरिए की गई 15 करोड़ से अधिक की काली कमाई भी जब्त की गई थी। सृजन घोटाला में नाम आने से चार साल पहले ही भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति को लेकर पूर्व एडीएम जयश्री ठाकुर के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा संबंधित महकमों से की गई थी। जयश्री ठाकुर जिस समय भागलपुर की अपर समाहर्ता थीं, उसी समय आर्थिक अपराध इकाई ने छापेमारी की थी। छापेमारी में करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला था। निलंबन के चार साल बाद जयश्री ठाकुर की बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई थी।