डीआरडीओ ने बंगाल की खाड़ी में किया ‘अभ्यास’ का सफल उड़ान परीक्षण

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परीक्षण की निगरानी टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम से की गई

 पहली स्वदेशी रूप से विकसित ड्रोन प्रणाली सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करेगी



नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (हि.स.)। हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट ‘अभ्यास’ का शुक्रवार को ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर), चांदीपुर से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया। इस दौरान दो प्रदर्शनकारी वाहनों का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। इन वाहनों का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है। उड़ान परीक्षण की निगरानी टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस) सहित विभिन्न ट्रैकिंग सेंसर के माध्यम से की गई।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अभ्यास के सफल उड़ान परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। वर्तमान उड़ान परीक्षण विकासात्मक उड़ान परीक्षणों का एक हिस्सा है। भारतीय उद्योगों के लिए वाहन के उत्पादन के लिए रुचि की अभिव्यक्ति पहले ही जारी की जा चुकी है। यह स्वदेशी लक्ष्य विमान एक बार विकसित हो जाने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों के लिए हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। अभ्यास एक ड्रोन है जिसे विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए एक लक्ष्य के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह देश की पहली स्वदेशी रूप से विकसित प्रणाली है।

एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया जाता है जो वाहन को प्रारंभिक उड़ान प्रदान करते हैं। यह गैस टर्बाइन इंजन से संचालित है, जो सबसोनिक गति से लंबी उड़ान को बनाए रखता है। इसमें मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर के साथ नेविगेशन के लिए इनरट्रियल नेविगेशन सिस्टम लगाया गया है। एयर व्हीकल की जांच लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन का उपयोग करके की जाती है। परीक्षण अभियान के दौरान 0.5 मैक की गति से 5 किमी. की 30 मिनट तक उड़ान और परीक्षण वाहन की 2 जी टर्न क्षमता को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया।

डीआरडीओ के अनुसार लक्ष्य विमान मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (एफसीसी) के साथ नेविगेशन के लिए एमईएमएस आधारित जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली (आईएनएस) से लैस है। वाहन को पूरी तरह से स्वायत्त उड़ान के लिए प्रोग्राम किया गया है। लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) का उपयोग करके हवाई वाहन का चेक-आउट किया जाता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी ‘अभ्यास’ के सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई दी।


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