सोमनाथ मंदिर के पास बने सी व्यू वॉक वे का प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को करेंगे उद्घाटन

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पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा 1.5 किमी लंबा ‘सी व्यू वॉक वे’

 सोमनाथ के इतिहास का गवाह बनेगा ‘सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र’



सोमनाथ/अहमदाबाद, 19 अगस्त (हि.स.)। सोमनाथ का ज्योतिर्लिंग श्रद्धालुओं के लिए हमेशा से ही आस्था का केंद्र रहा है। राज्य में पर्यटकों को और आकर्षित करने के लिए 50 करोड़ रुपये की लागत से तैयार तीन विकास कार्यों का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को वर्चुअल तरीके से उद्घाटन करेंगे।

राज्य सरकार के प्रयासों से भी सोमनाथ आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट, केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअली नवनिर्मित वॉक वे, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र (संग्रहालय) और अहिल्याबाई मंदिर में विकसित सुविधा केन्द्र का उद्घाटन करेंगे। जानकारों के मुताबिक ये तीनों प्रोजेक्ट सोमनाथ को धार्मिक और पर्यटन के नक्शे में खास जगह देंगे।

सोमनाथ में सागर दर्शन गेस्ट हाउस से त्रिवेणी संगम के तटबंध तक 45 करोड़ रुपये की लागत से सोमनाथ मंदिर के पास 1.5 किमी लंबा पैदल मार्ग (वॉक वे) बनाया गया है। शुक्रवार से शुरू होने वाले इस वॉकवे पर तीन एंट्री गेट बनाए गए हैं। पहला सागर दर्शन से, दूसरा हमीरजी गोहिल मेमोरियल के सामने पोस्ट ऑफिस से और तीसरा त्रिवेणी रोड स्थित प्रभासपट्टनम थाने से प्रवेश किया जा सकता है। वॉकवे पर प्रवेश के लिए पांच रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। इस वॉक वे से श्रद्धालु सोमनाथ महादेव के मंदिर और दूसरी ओर गरजते समुद्र के दृश्य का आनंद ले सकें।इस मार्ग पर साइकिल चलाने का भी आनंद लिया जा सकेंगा। पैदल मार्ग पर बैठने की सुविधा है और भविष्य में वॉक-वे के बीच में फूड कोर्ट बनाने की योजना है। इसके अलावा वॉक-वे पर पर्यटक भारत की संस्कृति से संबंधित तस्वीरें देख सकेंगे, यहां गैलरी में रामायण के विभिन्न अवसरों को दर्शाने वाले चित्र रखे गए हैं। रात में संगीत और रंग-बिरंगी रोशनी वॉक-वे की खूबसूरती में चार चांद लगाएगी।

इसके अलावा सोमनाथ सन्निध्य पर्यटक सुविधा केंद्र के भवन में सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र (संग्रहालय) भी बनाया गया है। यहां गौरवशाली अतीत के साथ पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित अवशेष है। इसके अलावा, सोमनाथ मंदिर में अतीत में हुई ऐतिहासिक घटनाओं को दर्शाने वाले तस्वीरों और साहित्यों को भी प्रदर्शन के लिए रखा गया है। यह संग्रहालय पहले आदि ज्योतिर्लिंग सोमनाथ मंदिर के गौरवशाली अतीत से वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को परिचित कराएगा।

इसके साथ ही पुराने सोमनाथ मंदिर परिसर को विकसित कर यहां 3.5 करोड़ रुपये की लागत से एक सुविधा स्थापित किया गया है। इस मंदिर को अहिल्याबाई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसे इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने बनवाया था। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने के लिए पूरे पुराने मंदिर परिसर को पूरी तरह से पुनर्विकसित किया गया है। मंदिर परिसर में ही 16 दुकानें स्थापित की गई हैं। चूंकि इस मंदिर का निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था, इसलिए उनकी प्रतिमा भी लगाई गई है।

दरअसल, वर्ष 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी सोमनाथ ट्रस्ट में ट्रस्टी के रूप में शामिल हुए थे। सोमनाथ ट्रस्ट की बैठक में मंदिर के विकास के लिए मोदी ने सोमनाथ के समुद्र तट पर वॉक वे के रूप में ऐसा प्रोजेक्ट बनाने का भी विचार आया था, जो पर्यटकों को आकर्षित कर सके। इसके बाद इस परियोजना पर काम शुरू किया गया और आज उद्घाटन के लिए तैयार है।


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