लॉस एंजेल्स, 27 दिसम्बर (हि.स.)। चीन ने रूस और ईरान के साथ शुक्रवार से गल्फ़ आफ होर्मुज के साथ लगते ओमान सागर में संयुक्त मिलिट्री अभ्यास की घोषणा कर अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह ईरान के ख़िलाफ़ आर्थिक प्रतिबंध लगाने अथवा खाड़ी में अपनी सैन्य शक्ति बढ़ाने की बजाय ईरान के साथ सीधी वार्ता करे।
खाड़ी में ‘स्ट्रेट आफ होर्मुज’ महत्वपूर्ण बड़े तेल टैंकरों का ऐसा आवागमन नौवहन पारपथ है, जो अमेरिका और ईरान के बीच कभी भी तनाव का सबब बन सकता है। इस पारपथ से कुल तेल उत्पादन की एक तिहाई तेल की आपूर्ति होती है। चीन इसी स्ट्रेट आफ होर्मुज से प्रतिदिन ईरान से अपने लिए तेल की आपूर्ति करता है। चीन एक मुख्य आयातक देश है।
चीन ने इस संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए 052डी मिसाइल नाशकारी युद्धपोत भेजा है। इस सैन्य अभ्यास के बहाने जहां एक तरफ चीन अपनी सैन्य क्षमताओं का परखना चाहता है, वहीं दूसरी तरफ यह संदेश देना चाहता है कि अमेरिका सहित कोई अरब देश उसे कमतर आंकने की कोशिश न करे।
ज्ञातव्य है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सत्तारूढ़ होते ही पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में ईरान के साथ पांच बड़े राष्ट्रों के बीच हुए आणविक समझौते से हाथ खींच लिये थे और ईरान पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे। इस समझौते में तीन यूरोपीय देशों के साथ चीन और रूस भी साझीदार थे।
यह त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास अपने ढंग का पहला संयुक्त प्रयास है, जिसमें ईरान के साथ दो बड़े देश कंधे से कंधा मिला कर खड़े हैं।