टाटा ट्रस्ट के निदेशक मंडल में फेरबदल, आर. वेंकटरमन हटे, रतन टाटा के भाई निदेशक बने
मुंबई/नई दिल्ली, 14 फरवरी (हि.स.)। टाटा समूह के कल्याणकारी सामाजिक कार्यों के लिए बनाए टाटा ट्रस्ट के निदेशक मंडल में फेरबदल किया गया है। सर रतन टाटा ट्रस्ट के निदेशक मंडल में प्रबंध ट्रस्टी रहे आर. वेंकटरमन बोर्ड मेम्बर की हैसियत से हट गए हैं। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को ट्रस्ट में ट्रस्टी के रूप में लिया गया है।
टाटा ट्रस्ट के प्रवक्ता ने बताया कि सर रतन टाटा ट्रस्ट के निदेशक मंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया। ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आर. वेंकटरमन की बोर्ड से हटने की गुजारिश को स्वीकार कर लिया गया। वेंकटरमन के खिलाफ कई वित्तीय मामलों में जांच चल रही है। उनका नाम प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआई, आयकर विभाग की जांच में आया है। उसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि वेंकट टाटा ट्रस्ट से खुद को अलग कर लेंगे। वेंकट को रतन टाटा का खास माना जाता है। वेंकट का नाम उन्हें टाटा समूह से मिलने वाले वेतन एवं अन्य भत्तों के चलते आयकर विभाग की जांच में आया था। टाटा समूह की ओर से एयर एशिया में नामिनी होने के चलते वे सीबीआई, ईडी की जांच के घेरे में हैं।
दूसरी ओर टाटा ट्रस्ट ने रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को सर रतन टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया है। 61 साल के नोएल टाटा के आने के बाद टाटा ट्रस्ट में पारसी मूल के सदस्यों की संख्या बढ़ेगी। नोएल टाटा इस समय टाटा समूह की कंपनी ट्रैंट के चेयरमैन हैं। वे टाटा इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक भी हैं।
टाटा ट्रस्ट की स्थापना 1892 में टाटा समूह द्वारा कल्याणकारी सामाजिक कार्यों को करने के लिए की गई थी। टाटा ट्रस्ट स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अनेक क्षेत्रों में काम करता है।