हमीरपुर, 09 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में 9434.78 लाख लागत की महत्वाकांक्षी पेयजल योजना ने जमीन पर दौड़ाने से पहले दम तो़ दिया है। इस परियोजना के निर्माण के लिए शुरू में 10 करोड़ की धनराशि दी गई थी लेकिन उसके बाद सरकार ने एक भी धेला नहीं दिया, जिससे क्षेत्र के 65 हजार से अधिक बाशिन्दे पानी के संकट से जूझ रहे हैं।
जिले के राठ क्षेत्र में काफी समय से पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। खासकर राठ नगर में पानी की किल्लत को देखते हुए पूर्व क्षेत्रीय विधायक गयादीन अनुरागी ने तत्कालीन अखिलेश यादव की सरकार में पानी की समस्या को मुद्दा बनाते हुए सदन में प्रस्ताव रखा था। इस समस्या को लेकर अखिलेश यादव की सरकार ने मौदहा बांध परियोजना से राठ नगर तक एक कार्ययोजना बनाकर पेयजल संकट का समाधान कराने का ऐलान भी किया था। शासन ने 94 करोड़, 34 लाख 78 हजार (9434.78 लाख) की इस परियोजना को मंजूरी दी और 10 करोड़ की धनराशि भी परियोजना के निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए अवमुक्त की थी। इस धनराशि से दस फीसद निर्माण कार्य भी पूरे नही कराए जा सके। वर्षों से बजट की अगली किश्त के इंतजार में जलनिगम के कराए निर्माण कार्य भी अब बदतर होने लगे हैं। जानकारी के अनुसार पेयजल की इस महत्वाकांक्षी परियोजना को तीन साल में पूरा होना था लेकिन शासन से पैसा नहीं मिलने के कारण परियोजना खटाई में पड़ गई है। राठ नगर और आसपास के इलाकों के बाशिन्दे इन दिनों पानी की भीषण समस्या से जूझ रहे हैं।
अखिलेश सरकार ने परियोजना को मिली थी मंजूरी
हमीरपुर जलनिगम के अधिशाषी अभियंता कमलेश ने मंगलवार को बताया कि मौदहा बांध से राठ नगर पेयजल आपूर्ति योजना की घोषणा 17 जून,2013 में सरकार ने की थी मगर इसकी प्रशासनिक एवं वित्तीय मंजूरी 17 जून,2017 को हुई थी। उन्होंने बताया कि फरवरी,2018 में शासन से सिर्फ दस लाख रुपये का बजट उन्हें मिला था, जो खर्च भी हो चुका है। ये परियोजना वर्ष 2020 में पूरी कराने का लक्ष्य भी था।
नहीं बिछाई गई 121 किमी. लम्बी पाइपलाइन
प्रस्तावित परियोजना में मौदहा बांध के अंदर इन्टेकवेल बनाने के साथ ही राठ से पूर्व धनौरी में एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जाना है। वहीं तीन ओवर हेड टैंक का निर्माण एवं 19 किमी राइजिंगमेन के साथ ही 121 किमी पाइपलाइन का कार्य कराया जाना था लेकिन ये सभी कार्य खटाई में पड़े है। जलनिगम के अधिशाषी अभियंता कमलेश कुमार ने बताया कि बजट न मिलने से परियोजना अधूरी पड़ी है।
तीन सालों से पूरी होनी थी पेयजल परियोजना
जलनिगम के अधिशाषी अभियंता कमलेश कुमार ने बताया कि मौदहा बांध से राठ नगर पेयजल आपूर्ति योजना जून 2020 तक पूर्ण कराने का लक्ष्य था लेकिन डेढ़ सालों से बजट न मिलने से यह परियोजना अब अधर में लटक गई है। इस परियोजना को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल में हरी झंडी दी थी, जिसे योगी आदित्यनाथ की सरकार में अभी तक मात्र 10 लाख रुपये का बजट ही अवमुक्त हो सका।
योगी सरकार में अवमुक्त हुए सिर्फ 10 लाख
अधिशाषी अभियंता ने बताया कि परियोजना के लिए दस लाख की पहली किश्त अवमुक्त की गई थी, जिसमें मौदहा बांध के अंदर कांफर डैम बनाकर 23 एमएलडी इन्टेकवेल के निर्माण कराया जा चुका हैै। आरसीसी दीवार भी बनाई जा चुकी है। राठ नगर में दो टैंकों के निर्माण अधूरे पड़े है। राठ नगर पेयजल आपूर्ति परियोजना के लिए 8434.78 लाख की धनराशि के अवमुक्त कराने को शासन को पत्र भेजे जा चुके हैं।