नई दिल्ली, 20 अप्रैल (हि.स.)। कोविड महामारी के बीच भारतीय सेनाओं के 90 फीसदी से अधिक जवानों को पहला टीका लगाया जा चुका है। इसके अलावा 50 फीसदी से अधिक तीनों सेनाओं के अधिकारियों और जवानों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी दी जा चुकी है। तीनों सेनाओं में अब तक कोरोना संक्रमण से 119 मौतें हुईं हैं। केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों में 90 प्रतिशत से अधिक जवानों को भी पहली खुराक मिल चुकी है। केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों में कोविड संक्रमण से अब तक सीआरपीएफ में 82, बीएसएफ में 13 और आईटीबीपी में 49 मौतें हुईं हैं।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के 50 प्रतिशत कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज दी जा चुकी है। तीनों सेनाओं में टीकाकरण अभियान तेज गति से आगे बढ़ रहा है। सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ निर्धारित आयु मानदंड को पूरा करने वाले उनके पारिवारिक सदस्यों का भी टीकाकरण किया जा रहा है।स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मियों के लिए कोई आयु सीमा नहीं है लेकिन आम जनता के बीच केवल 45 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग वर्तमान में टीका लगवा सकते हैं। भारतीय सेना में अब तक कोरोना संक्रमण के 33 हजार मामले सामने आये हैं जिनमें से 81 लोगों की मौत हुईं हैं। इसी तरह नौसेना में 3,604 कोरोना केस मिले जिसमें सिर्फ दो मौतें हुईं हैं। वायुसेना में 8,159 कोरोना संक्रमण के मामले हैं जिनमें 36 मौतें हुईं हैं।
सशस्त्र सुरक्षा बलों में केंद्रीय सुरक्षा पुलिस बल (सीआरपीएफ) में 2.9 लाख, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में 2.65 लाख और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में 85 हजार जवान हैं। तीनों सशस्त्र बलों के 90 प्रतिशत से अधिक जवानों को कोविड-19 वैक्सीन की एक खुराक मिली है और 50 प्रतिशत से अधिक जवानों को दोनों खुराक मिली हैं।सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2,51,820 कर्मियों में 88.2 प्रतिशत जवानों को पहली खुराक मिली है। 1,48,743 कर्मियों यानी 52 प्रतिशत ने दूसरी खुराक भी प्राप्त की है। जिन लोगों को दूसरी खुराक नहीं मिली है, वे दो खुराक के बीच के समय का इंतजार कर रहे हैं। कोविड प्रबंधन में लगे इन तीनों बलों के 90 प्रतिशत जवानों को फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स मानकर पहली खुराक दी गई है। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि उनके बल में भी टीकाकरण की प्रक्रिया जारी है और बाकी कर्मी वैक्सीन लेने के लिए तैयार हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश पुलिस बलों के 40 प्रतिशत से कम कोरोना संक्रमित हैं। महाराष्ट्र में 2 लाख पुलिसकर्मियों के मुकाबले 64 हजार कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है जो महज 32 प्रतिशत है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के 2,96,501 पुलिस कर्मियों में से 1,13,937 को पहला टीका लगाया गया है जो सिर्फ 38.4 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश पुलिस का तर्क है कि दो खुराक के बीच 6-8 सप्ताह के अंतराल के कारण दोनों डोज लेने वाले पुलिस कर्मियों की संख्या कम है। इन राज्यों में 70-80 प्रतिशत पुलिस कर्मियों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक मिली है। पंजाब पुलिस में 26 प्रतिशत पुलिस कर्मियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। दिल्ली पुलिस में 80,076 कर्मियों में से 49,936 या 62 प्रतिशत पुलिस कर्मियों को वैक्सीन के दोनों शॉट्स मिल चुके हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी में 90 प्रतिशत पुलिस कर्मियों को पहली खुराक दी जा चुकी है।