बिहार में 8 नए आरटी-पीसीआर लैब स्थापित होंगे : अश्विनी चौबे

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बिहार में कोरोना टेस्ट की बढ़ाई जायेगी क्षमतासूबे के 8 जिलों में अब होगी आरटी-पीसीआर जांच



पटना, 22 अगस्त (हि.स.) । बिहार में कोरोना टेस्टिंग की क्षमता को और अधिक गति प्रदान करने के लिए प्रदेश के 8 जिलों में आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना होगी। यह एलान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने किया है।

उन्होंने कहा कि बिहार में जाँच  में तेजी लाने   के लिए प्रदेश के 8 जिलों में आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना होगी। इसमें से तीन पीएम केयर्स फंड के तहत स्थापित किये जाएंगे। साथ ही, प्रदेश के 9 सरकारी लैब में आरटी-पीसीआर के मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने बताया कि बक्सर, कैमूर, बांका, नालंदा व बेतिया में स्थाई आरटी-पीसीआर लैब की स्थापना होगी। प्रधानमंत्री केयर फंड के तहत मोतिहारी, मुंगेर व पूर्णिया में आरटी-पीसीआर लैब  स्थापित किया जाएगा। इसके लिए आईसीएमआर को निर्देश दे दिया गया है। इन जिलों में लैब की व्यवस्था होने से प्रतिदिन टेस्टिंग की क्षमता दोगुनी हो जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने  शनिवार को आरटी-पीसीआर से संबंधित टेस्ट को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान बिहार में टेस्टिंग की क्षमता  बढ़ाने के लिए प्रदेश के सभी प्रमंडलों  को ध्यान में रखते हुए आरटी-पीसीआर लैब की संख्या बढ़ाने पर चर्चा हुई। अश्विनी चौबे ने बताया कि 9 सरकारी लैब में आरटी-पीसीआर मशीनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इससे बिहार में आरटी-पीसीआर से टेस्टिंग की क्षमता काफी बढ़ जाएगी। लोगों को काफी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध जंग में बिहार लगातार बेहतर कर रहा है। प्रतिदिन राज्य में टेस्टिंग की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अभी तक कुल 23 लाख से अधिक टेस्ट हुए हैं। तेजी से प्रतिदिन इसमें बढ़ोतरी हो रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने पीएम केयर्स फंड के तहत मोतिहारी, मुंगेर व पूर्णिया में आरटी-पीसीआर टेस्टिंग लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है। पूरे देश में पीएम केयर्स फंड के तहत 16 आरटी-पीसीआर लगाए जाने हैं। इसमें सर्वाधिक तीन बिहार, उत्तर प्रदेश और असम में लगाए जा रहे हैं। झारखंड के देवघर में भी एक लैब स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पटना में दो आरटी-पीसीआर मशीन मौजूदा समय में है। चार और मशीन प्रस्तावित किया गया है। इसी तरह आईजीआईएमएस में अभी दो मशीन उपलब्ध है। यहां दो और मशीन बढ़ाये जाएंगे। पटना मेडिकल कॉलेज में मौजूदा समय में एक मशीन की व्यवस्था है। यहां तीन अन्य मशीन प्रस्तावित हैं। एम्स पटना में दो मौजूदा समय में है। दो और मशीन बढ़ाया जायेगा। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अभी पांच मशीनें  हैं । यहां दो की बढ़ोतरी की जायेगी। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर में दो मशीनें बढ़ाने का प्रस्ताव है। मौजूदा समय में दो मशीन यहां उपलब्ध हैं।  मगध मेडिकल कॉलेज गया में दो मशीनें बढ़ायी  जाएँगी । अभी एक मशीन उपलब्ध है।

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भागलपुर में दो मशीनें  और बढ़ायी  जाएँगी । मौजूदा समय में यहां एक मशीन उपलब्ध है। जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज, मधेपुरा में भी दो मशीनें  बढ़ायी  जायेंगी । मौजूदा समय में यहां एक ही मशीन उपलब्ध है। मौजूदा समय में सभी सरकारी 9 लैब में 17 आरटीपीसीआर मशीनें  हैं । सभी में बढ़ोतरी के उपरांत 38 मशीनें हो जाएंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि कोविड-19 खत्म होने के बाद भी जो आरटी-पीसीआर लैब हैं, वह अन्य बीमारियों की  जांच में भी उपयोगी साबित होंगे । भविष्य में भी इसके माध्यम से बिहार की जनता को बेहतर जांच सुविधा उपलब्ध होगी ।

 


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