8.5 रुपये प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी घटा सकती है सरकार पेट्रोल-डीजल पर
नई दिल्ली, 03 मार्च (हि.स)। पेट्रोल-डीजल की महंगी कीमतों के विरोध के बाद सरकार जल्दी ही इन पर करीब 8-9 रुपये की राहत दे सकती है।
सूत्रों की मानें तो सरकार के पास पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 8.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की गुंजाइश है। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा करने से ईंधन पर टैक्स से प्राप्त होने वाले राजस्व पर भी कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। पेट्रोल और डीजल की कीमत इस समय देश में सबसे उच्च स्तर पर है।
एक अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में अगर कटौती नहीं होती है तो इससे 4.35 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा, जबकि बजट अनुमान 3.2 लाख करोड़ रुपये का है। ऐसे में अगर एक अप्रैल, 2021 से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 8.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की जाती है तब भी बजट अनुमान के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच, सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। 2016-17 में ऑटो फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी से सरकार को 2,42,000 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि इससे पहले 2014-15 में यह धनराशि सिर्फ 99,000 करोड़ रुपये की थी।
सूत्रों की मानें तो सरकार के पास पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 8.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की गुंजाइश है। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसा करने से ईंधन पर टैक्स से प्राप्त होने वाले राजस्व पर भी कोई ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। पेट्रोल और डीजल की कीमत इस समय देश में सबसे उच्च स्तर पर है।
एक अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में अगर कटौती नहीं होती है तो इससे 4.35 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा, जबकि बजट अनुमान 3.2 लाख करोड़ रुपये का है। ऐसे में अगर एक अप्रैल, 2021 से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 8.5 रुपये प्रति लीटर की कटौती की जाती है तब भी बजट अनुमान के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच, सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई। 2016-17 में ऑटो फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी से सरकार को 2,42,000 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि इससे पहले 2014-15 में यह धनराशि सिर्फ 99,000 करोड़ रुपये की थी।