नई दिल्ली, 12 मार्च (हि.स.)। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने शुक्रवार को डीआरडीओ भवन में ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसमें डीआरडीओ के महानिदेशक और बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, तेजपुर एवं विशाखापत्तनम से वैज्ञानिक भी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।यह कार्यक्रम भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है और विभिन्न विषयों के साथ 75 सप्ताह तक मनाया जाएगा।
डीआरडीओ के कार्यक्रम मुख्य रूप से ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर केंद्रित होंगे और अब तक की गईं घोषणाएं उस दृष्टि को साकार करने की दिशा में होंगी। डीआरडीओ 75 हफ्तों में राष्ट्र निर्माण की दिशा में विभिन्न गतिविधियों का संचालन करके आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, वैज्ञानिक नवाचारों को प्रोत्साहित करने, मानव संसाधन विकसित करने और अन्य संबंधित विषयों की मेजबानी करके महोत्सव का जश्न मनाएगा। महोत्सव के दौरान डीआरडीओ प्रधानमंत्री के विजन के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नए सिरे से काम करेगा। इस मौके पर डीआरडीओ के चेयरमैन ने वैज्ञानिकों से उद्योग और शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि डीआरडीओ विभिन्न तरीकों से महोत्सव के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उनके साथ काम करेगा।
डीआरडीओ उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव के दौरान बड़े पैमाने पर योजना बनाई गई है।शिक्षाविदों के साथ विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की योजना बनाई गई है जिनमें शैक्षणिक संस्थानों को नई चुनौतियां प्रदान करने, छात्रों की इंटर्नशिप बढ़ाने और डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं, केंद्रों में छात्रों को प्रशिक्षण देना शामिल है। इसके अलावा रक्षा संबंधी विभिन्न विषयों पर पीएचडी छात्रों को डीआरडीओ प्रयोगशालाओं में दाखिला दिया जाएगा। क्षेत्रीय भाषाओं में वैज्ञानिक शोध पत्रों और रक्षा संबंधी लेखों के प्रकाशन को अधिक महत्व दिया जाएगा।
‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ कार्यक्रम के दौरान अगले 75 हफ्तों में विश्वविद्यालयों, संस्थानों में रक्षा से संबंधित क्षेत्रों पर पाठ्यक्रमों और सेमिनारों का भी आयोजन किया जाएगा। कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के लिए कृत्रिम बुद्धि और साइबर सुरक्षा जैसी उन्नत भविष्यवादी तकनीकों में छात्रों के लिए कई प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों की योजना बनाई गई है। इनके अलावा बड़े पैमाने पर प्रदर्शनियों, लघु फिल्मों, वृत्तचित्रों, पौधरोपण को अंजाम देने जैसी विशेष गतिविधियों की योजना बनाई गई है।