70वां गणतंत्र दिवस : बापू को समर्पित रहीं राजपथ की झांकियां
नई दिल्ली, 26 जनवरी(हि.स.)। राष्ट्र इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष मना रहा है| इसी क्रम में इस बार 70 वें गणतंत्र दिवस की सभी झांकियों का मुख्य थीम गांधी जी रहे।
बापू को समर्पित झांकियां महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष पर झांकियां निकाली गई। सबसे पहले सिक्किम की झांकी आई। इसके बाद महाराष्ट्र की झांकी निकली जिसने गांधी के करो या मरो का संदेश आगे रखा। अंडमान निकोबार की झांकी में अंडमान जेल को दिखाया गया। असम की झांकी में भूपेन हजारिका का गीत और संस्कृति प्रदर्शित की गई जहां ग्रामीण परिपेक्ष में चरखा और कुटिया को दर्शाया गया। त्रिपुरा की झांकी का थीम गांधीवादी सोच से ग्रामीण सशक्तिकरण था। गोवा की झांकी में सर्वधर्म सदभाव का संदेश था। मराठी गीत में सभी समुदाय के लोगों को नाचते-गाते दिखाया गया। अरूणाचल की झांकी का थीम आंतरिक शांति रहा और इसमें स्वच्छता का संदेश दिया गया। पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग की कहानी दिखाई गई। लगभग 100 वर्ष पूर्व यहां अहिंसक प्रदर्शन कर रहे देशभक्तों पर अंग्रेजों ने गोली चलाई थी। तमिलनाडु की झांकी में गांधी जी के पहनावे में बदलाव की स्थिति को दर्शाया गया जब उन्होंने धोती को पहनावे के तौर पर अपनाया था। गुजरात की झांकी में नमक आंदोलन और दांडी यात्रा को दर्शाया गया। जम्मू-कश्मीर की झांकी में बहुलतावादी संस्कृति को गांधी जी के आदर्श के तौर पर दर्शाया गया। उसमें मुस्लिम, हिन्दू और बौद्ध संस्कृति के रूपों का प्रदर्शन किया गया। कर्नाटक की झांकी में बेलगावी में हुए कांग्रेस के अधिवेशन को थीम के रूप में रखा गया। उत्तराखंड की झांकी में गांधी जी के अनासक्ति आश्रम और योग दिखाया गया। दिल्ली की झांकी बिरला हाउस में गाधी के लम्बे प्रवास पर आधारित रही। उत्तर प्रदेश की झांकी में सबको शिक्षा का संदेश के साथ काशी विद्यापीठ को दर्शाया गया। पश्चिम बंगाल की झांकी में गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर और गांधी जी के आत्मीय संबंध को दर्शाया गया। ऊर्जा मंत्रालय की झांकी में घर-घर रोशनी का संदेश रहा। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की झांकी में स्वच्छता मिशन को गांधी जी के सपने के रूप में संदेश के रूप में दिखाया गया। रेलवे ने मोहन दास कर्मचंद गांधी की महात्मा गांधी बनने की यात्रा का श्रेय रेलवे को देते हुए झांकी तैयार की। कृषि मंत्रालय की झांकी में पशुपालन और देसी नस्लों के संरक्षण का संदेश दिया गया।
इसके बाद केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की झांकी आई। इसमें देश के महत्वपूर्ण उद्योग और संस्थानों की सुरक्षा का कार्यभार संभालते हुए सीआईएसएफ के जवान दिखाई दिए। केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी में बागवानी को पुष्प सुसज्जित मूर्ति को दर्शाया गया।
सेना ने किया मार्च पास्ट
आकाश डिफेंस प्रणाली, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर के फ्लाइट मार्च के बाद सेना के विभिन्न रेजीमेंट ने मार्च पास्ट निकाला। पहले लेफ्टिनेंट प्रकाश सिंह राठौर के नेतृत्व में मद्रास रेजीमेंट में मार्च पास्ट किया। उसके बाद सिख लाइट इन्फेंट्री, आदित्य प्रताप सिंह के नेतृत्व में राजपूताना राइफल्स, कैप्टन नंदा के नेतृत्व में सिख रेजीमेंट, अबे श्रीराज संधू के नेतृत्व में गोरखा रेजीमेंट, लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी के नेतृत्व में सेना सेवा कैडेट, इसके बाद टेरिटोरियल आर्मी पंजाब ने मार्च पास्ट किया। सेवानिवृत सैनिकों की झांकी, भारतीय नौसेना के बैंड, अंबिका सुधाकरण के नेतृत्व में नौसेना, भारतीय नौसेना की झांकी निकली जिसमें नौसेना की बहुआयामी युद्धक क्षमता को दर्शाया गया है। इसके बाद वायुसेना का बैंड गुजरा जिसके पीछे वायुसेना का श्रीकांत शर्मा के नेतृत्व में गुजरा और उसके पीछे थी वायुसेना की झांकी। परेड में सलामी मंच के सामने से निकली के-9 वज्र-टी दिखाई दिया। के-9 वज्र-टी, एक स्व-चालित होवित्जर, जिसकी अध्यक्षता कैप्टन देवांश भूटानी ने की। ‘कदम-कदम बढ़ाये जा’ के गीत के साथ सीआरपीएफ के दस्ते ने मार्च किया। रेलवे सुरक्षा बल, दिल्ली पुलिस का बैंड, दिल्ली पुलिस के 6 फीट से ऊंचा दस्ता निकला। इसके बाद जीवन पर्यंत कर्तव्य के आदर्श वाक्य के साथ सीमा सुरक्षा बल का उंटों पर सवार दस्ता गुजरा| उसी के पीछे सीमा सुरक्षा बल का ही उंटों पर सवार दस्ता गुजरा। इस दस्ते ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इसके बाद सैनिक स्कूल कपूरथला और एनसीसी का मार्चिंग दस्ता निकला। बिरला विद्यापीठ का सारे जहां से अच्छा धुन बजाता हुए बैंड निकला जिसके पीछे एनसीसी का महिला दस्ता गुजरा।