70वां गणतंत्र दिवस : राजपथ पर दिखी सांस्कृतिक विरासत और सामरिक क्षमता
नई दिल्ली, 26 जनवरी (हि.स.)। 70वें गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर शनिवार को राजपथ पर भारत की सांस्कृतिक विरासत के साथ सामरिक क्षमता का प्रदर्शन देखने को मिला। इस वर्ष राष्ट्र गांधीजी का 150वां जयंती वर्ष बना रहा है जिसके चलते राज्यों की झांकियों का थीम गांधीजी रहे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सायरिल रामफोसा इस बार के समारोह के मुख्य अतिथि रहे।
गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई। राजपथ पर समारोह स्थल पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा और डॉ मनमोहन सिंह के साथ हाथ मिलाया। इसके बाद उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू अपनी पत्नी के साथ राजपथ पर पहुंचे। कार्यक्रम में भारत और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति व उनकी धर्मपत्नियां अलग-अलग वाहनों से राजपथ पर पहुंची। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ, जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल सी संदीप के नेतृत्व में इक्कीस तोपों की सलामी दी गई।
लांस नायक नजीर अहमद को अशोक चक्र
इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को यहां गणतंत्र दिवस की परेड से पूर्व जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए जान गंवाने वाले लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान किया। राष्ट्रपति के हाथों अशोक चक्र सम्मान नजीर अहमद वानी की पत्नी महजबीन और मां राजा बानो ने ग्रहण किया। दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन सफल करने वाले वानी को दो बार सेना मेडल से नवाजा गया है। जम्मू कश्मीर के गांव में 6 आतंकियों के मौजूद होने की जानकारी मिलने के बाद अपनी टीम के साथ उन्होंने मोर्चा संभाला। आतंकियों की ओर से भारी गोलाबारी के बीच बड़ी निडरता से उन्होंने एक कट्टर आतंकवादी को मार गिराया और अनुकरणीय कौशल के साथ दूसरे आतंकवादी पर भी हमला किया। घायल होने के बावजूद उन्होंने बाहर से आए आतंकी को सीधे मुकाबले में मार गिराया। आतंकी हमले में जख्मों के कारण वह शहीद हो गए।
गांधी जी को समर्पित रही झांकियां
राष्ट्र इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष मना रहा है। इसी क्रम में इस बार 70 वें गणतंत्र दिवस की सभी झांकियों का मुख्य थीम गांधी जी रहे। बापू को समर्पित महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष पर झांकियां निकाली गई। सबसे पहले सिक्किम की झांकी आई। इसके बाद महाराष्ट्र की झांकी निकली जिसने गांधी के ‘करो या मरो’ का संदेश आगे रखा। अंडमान निकोबार की झांकी में अंडमान जेल को दिखाया गया। असम की झांकी में भारत रत्न के लिए नामित भूपेन हजारिका का गीत और असम संस्कृति प्रदर्शित की गई जहां ग्रामीण परिपेक्ष में चरखा और कुटिया को दर्शाया गया। त्रिपुरा की झांकी का थीम गांधीवादी सोच से ग्रामीण सशक्तिकरण था। गोवा की झांकी में सर्वधर्म सदभाव का संदेश था। मराठी गीत में सभी समुदाय के लोगों को नाचते-गाते दिखाया गया। अरुणाचल की झांकी का थीम आंतरिक शांति रहा| उसमें स्वच्छता का संदेश दिया गया। पंजाब की झांकी में जलियांवाला बाग की कहानी दिखाई गई। लगभग 100 वर्ष पूर्व यहां अहिंसक प्रदर्शन कर रहे देशभक्तों पर अंग्रेजों ने गोली चलाई थी। तमिलनाडु की झांकी में गांधी जी के पहनावे में बदलाव को दर्शाया गया जब उन्होंने धोती को पहनावे के तौर पर अपनाया था। गुजरात की झांकी में नमक आंदोलन और दांडी यात्रा को दर्शाया गया। जम्मू-कश्मीर की झांकी में बहुलतावादी संस्कृति को गांधी जी के आदर्श के तौर पर दर्शाया गया। उसमें मुस्लिम, हिन्दू और बौद्ध संस्कृति के रूपों का प्रदर्शन किया गया। कर्नाटक की झांकी में बेलगावी में हुए कांग्रेस के अधिवेशन को थीम के रूप में रखा गया। उत्तराखंड की झांकी में गांधी जी के अनासक्ति आश्रम और योग दिखाया गया। दिल्ली की झांकी बिरला हाउस में गांधी के लम्बे प्रवास पर आधारित रही। उत्तर प्रदेश की झांकी में सबको शिक्षा का संदेश के साथ काशी विद्यापीठ को दर्शाया गया। पश्चिम बंगाल की झांकी में गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर और गांधी जी के आत्मीय संबंध को दर्शाया गया। ऊर्जा मंत्रालय की झांकी में घर-घर रोशनी का संदेश रहा। पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की झांकी में स्वच्छता मिशन को गांधी जी के सपने के रूप में संदेश के रूप में दिखाया गया। रेलवे ने मोहन दास कर्मचंद गांधी की महात्मा गांधी बनने की यात्रा का श्रेय रेलवे को देते हुए झांकी तैयार की। कृषि मंत्रालय की झांकी में पशुपालन और देसी नस्लों के संरक्षण का संदेश दिया गया।
इसके बाद केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की झांकी आई। इसमें देश के महत्वपूर्ण उद्योग और संस्थानों की सुरक्षा का कार्यभार संभालते हुए सीआईएसएफ के जवान दिखाई दिए। केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग की झांकी में बागवानी को पुष्प सुसज्जित मूर्ति को दर्शाया गया।
सेना ने किया मार्च पास्ट
देश की सामरिक क्षमता और जवानों के साहस और अनुशासन का नाजारा मार्च पास्ट में देखने को मिला। आकाश डिफेंस प्रणाली, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर के फ्लाइट मार्च के बाद सेना के विभिन्न रेजीमेंट ने मार्च पास्ट निकाला। पहले लेफ्टिनेंट प्रकाश सिंह राठौर के नेतृत्व में मद्रास रेजीमेंट में मार्च पास्ट किया। उसके बाद सिख लाइट इन्फेंट्री, आदित्य प्रताप सिंह के नेतृत्व में राजपूताना राइफल्स, कैप्टन नंदा के नेतृत्व में सिख रेजीमेंट, अबे श्रीराज संधू के नेतृत्व में गोरखा रेजीमेंट, लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी के नेतृत्व में सेना सेवा कैडेट, इसके बाद टेरिटोरियल आर्मी पंजाब ने मार्च पास्ट किया। सेवानिवृत सैनिकों की झांकी, भारतीय नौसेना के बैंड, अंबिका सुधाकरण के नेतृत्व में भारतीय नौसेना की झांकी निकली जिसमें नौसेना की बहुआयामी युद्धक क्षमता को दर्शाया गया है। उसके बाद वायुसेना का बैंड गुजरा जिसके पीछे वायुसेना का दस्ता श्रीकांत शर्मा के नेतृत्व में गुजरा और उसके पीछे थी वायुसेना की झांकी। परेड में सलामी मंच के सामने से निकली के-9 वज्र-टी दिखाई दिया। के-9 वज्र-टी, एक स्व-चालित होवित्जर है जिसका नेतृत्व कैप्टन देवांश भूटानी ने किया। ‘कदम-कदम बढ़ाये जा’ के गीत के साथ सीआरपीएफ के दस्ते ने मार्च किया। रेलवे सुरक्षा बल, दिल्ली पुलिस का बैंड, दिल्ली पुलिस के 6 फीट से ऊंचा दस्ता निकला। इसके बाद जीवन पर्यंत कर्तव्य के आदर्श वाक्य के साथ सीमा सुरक्षा बल का उंटों पर सवार दस्ता गुजरा| उसी के पीछे सीमा सुरक्षा बल का ही उंटों पर सवार दस्ता गुजरा। इस दस्ते ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इसके बाद सैनिक स्कूल कपूरथला और एनसीसी का मार्चिंग दस्ता निकला। बिरला विद्यापीठ का सारे जहां से अच्छा धुन बजाता हुए बैंड निकला जिसके पीछे एनसीसी का महिला दस्ता गुजरा।
गाड़ियों में निकले बहादुर बच्चे
छोटी उम्र में बड़े काम करने वाले बच्चों ने राजपथ में गाड़ी में बैठकर यात्रा की। इस बार 6 बालिकाओं सहित 26 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिए गए हैं। इसके बाद स्कूली छात्रों ने सांस्कृतिक प्रदर्शन किए। पश्चिम विहार दिल्ली के केंद्रीय विद्यालय के बच्चे 140 छात्र-छात्राएं ‘सत्यमेव जयते’, नई दिल्ली के पश्चिम विहार के राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय के बच्चे ‘अहिंसा परमो धर्म’, कोलकाता के पूर्वी सांस्कृतिक केंद्र के 152 छात्र-छात्राएं ‘बापू का सपना’, चिल्ड्रन स्कूल चाणक्यपुरी के छात्र-छात्राएं ‘बापू महान गीत’ पर नृत्य किया।
डेयरडेविल प्रदर्शन
सूबेदार रमेश ए के नेतृत्व में 9 मोटरसाइकलों पर 33 जवानों ने मार्च पास्ट किया। मोटरसाइकलों पर अद्भुत शौर्य और करतब का प्रदर्शन हर बार गणतंत्र दिवस का आकर्षण बना रहता है। इस दौरान जवान मोटरसाइकलों पर संचार से लेकर योग तक करते हुए दिखाई दिए। परेड के अंत में वायुसेना के विमानों ने हवा में करतब दिखाकर सबका मन मोह लिया।
राष्ट्रपति और अतिथि राष्ट्रपति को विदा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों का हाथ हिलाकर अभिनंदन किया।