केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित 7 राज्यों ने केंद्र से मांगी 63 श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियां

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नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल सहित 7 राज्यों ने लॉकडाउन के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे पर प्रवासियों को गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार को रेल मंत्रालय से 63 और श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ियों की मांग की है। राज्यों की तरफ से यह मांग रेलवे बोर्ड के चेयरमैन (सीआरबी) विनोद कुमार यादव द्वारा इस संबंध में 9 जून को भेजे गए पत्र के बाद आई है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि टीआरबी के पत्र के जवाब में विभिन्न सात राज्यों ने कुल 63 और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की आवश्यकता बताई है। इसमें 51 ट्रेनें दक्षिण भारत के 4 राज्यों ने मांगी हैं। उन्होंने कहा, सबसे अधिक केरल ने 32, तमिलनाडु 10, जम्मू कश्मीर 9, कर्नाटक 6, आंध्र प्रदेश 3, पश्चिम बंगाल 2 और गुजरात ने एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन की मांग की है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को यदि और ट्रेनों की आवश्यकता है तो वह अपने मांग भेजे।
भारतीय रेलवे राज्यों द्वारा आवश्यक के रूप में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से प्रवासियों के आरामदायक और सुरक्षित आवागमन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने 29 मई, 3 जून और 9 जून को राज्यों को इस विषय पर पत्र लिखे और इस बात पर जोर दिया कि भारतीय रेलवे राज्यों के अनुरोध के 24 घंटे के भीतर रेल गाड़ियां उपलब्ध करा देगा। भारतीय रेलवे ने राज्य सरकारों को सूचित किया है कि वह आगे भी राज्यों से मांग प्राप्त होने के बाद 24 घंटे के भीतर श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रदान करना जारी रखेगी।
रेल मंत्रालय ने राज्य सरकारों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के बारे में उनकी आवश्यकताओं को बताने का अनुरोध किया है। भारतीय रेलवे ने यह भी आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में दी जाने वाली किसी भी आवश्यकता के लिए अतिरिक्त श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रदान करेगी। यह किसी भी अतिरिक्त मांग को पूरा करेगा, जो एक छोटे से नोटिस पर दिए गए अनुमानों से अधिक हो सकता है। गौरतलब है कि अब तक भारतीय रेलवे द्वारा लगभग 60 लाख लोगों को उनके गंतव्य राज्यों तक पहुंचाने के लिए 4277 से अधिक श्रमिक विशेष ट्रेनें संचालित की गई हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनें एक मई से चलाई जा रही हैं।

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