रांची, 30 जनवरी (हि.स.)। लोहरदगा में तिरंगा यात्रा के दौरान हुई हिंसक घटना के बाद गुरुवार को कर्फ्यू के आठवें दिन छह घंटे की ढील दी गई है। सुबह 9:00 बजे से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे तक के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है।
एसपी प्रियदर्शी आलोक ने बताया कि जनजीवन सामान्य होते देख जिला प्रशासन की ओर से कर्फ्यू की ढील बढ़ाई गई है। इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर निकलकर जरूरत की सामान खरीद सकेंगे। कर्फ्यू में ढील मिलते ही लोग घरों से बाहर निकल कर दवा सब्जी और अन्य खाद्यान्न सामग्री की खरीददारी की। दुकानों के आगे लोगों की भीड़ लग गई। कर्फ्यू में ढील के दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात और संवेदनशील दिखे। मालूम हो कि लोहरदगा में बुधवार को सातवें दिन कर्फ्यू में 4 घंटे की ढील दी गयी थी। इससे पहले 26 जनवरी को लोहरदगा शहरी क्षेत्र के साथ सदर एवं सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के लिए महज आधे घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई थी ।जबकि शेष प्रखंडों के लिए कर्फ्यू में 2 घंटे की ढील दी गई थी। बीते सोमवार को पूरे जिले में 2 घंटे की ढील दी गई थी लेकिन मंगलवार को कर्फ्यू में किसी प्रकार की ढील नहीं दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि लोहरदगा के ललित नारायण स्टेडियम में बीते गुरुवार को दिन के 11 बजे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के समर्थन में रैली निकाली गयी थी। रैली को शहर के मुख्य सड़क से होते हुए समाहणालय मैदान पहुंचना था। रैली में शामिल लोग नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ रहे थे। उपायुक्त और एसपी खुद इस री के साथ चल रहे थे। रैली जब दिन के 11.30 बजे अमलाटोली के पास गुजरी तो विरोधी गुट के लोगों ने रैली में शामिल लोगों पर तबातोड़ ईंट-पत्थर फेंकना शुरु कर दिया था जिससे स्थिति बगड़ गयी थी। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़, स्थिति जब पूरी तरह से बिगड़ने लगी तो पुलिस ने लगभग 100 राउंड फायरिंग की थी। इसके बाद स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया था। घटना में कई लोग घायल हो गये थे। एक घायल नीरज राम प्रजापति की इलाज के दौरान मौत हो गयी थी।