5वीं पीढ़ी का लड़ाकू जेट ‘एमका’भारत खुद बनाएगा

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एयरो इंडिया में दुनिया के सामने पेश किया स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर जेट का मॉडल पहली उड़ान 2025 या 2026 में और उत्पादन 2029 में शुरू होने की उम्मीद



बेंगलुरु, 04 फरवरी (हि.स.)। भारत अब खुद पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान बनाएगा। ​बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया-2021 में भारत ने अपने स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर जेट की डिजाइन और मॉडल दुनिया के सामने पेश किया है। भारत ने इसे एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एमका) नाम दिया है। इसके बनने से भारत अब अमेरिका, रूस और चीन सहित उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा जिनके पास पांचवीं जनरेशन के लड़ाकू विमान बनाने की क्षमता है।

फ्रांस से भारत को मिल रहे राफेल फाइटर जेट 4.5 जनरेशन के हैं, जबकि अमेरिका, रूस और फ्रांस ने इससे अगली पीढ़ी के विमान विकसित कर लिये हैं। इसलिए अब भारत ने विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम करने के साथ ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ मिशन को बढ़ावा देते हुए पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का निर्माण खुद ही करने का फैसला लिया है। स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस की डिजाइन भी एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) ने ही बनाई है, इसलिए उसे ही पांचवीं पीढ़ी के फाइटर एयरक्राफ्ट की डिजाइन बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी। एडीए और एयरक्राफ्ट रिसर्च एंड डिजाइन सेंटर (एआरडीसी) ने इस लड़ाकू विमान की डिजाइन तैयार की है जबकि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इस डिजाइन के आधार पर विमान का निर्माण करेगा।

लड़ाकू विमानों के डिजाइन तैयार करने वाली स्वदेशी एजेंसी एयरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) और डीआरडीओ ने ​एयरो इंडिया-2021 में इसका मॉडल पेश किया है। इसके लिए अभी बेहतर इंजन की तलाश की जा रही है। यह भारत का पहला दो इंजन वाला फाइटर जेट होगा जिसे स्टेल्थ फीचर्स के चलते दुश्मन की रडार को पकड़ना बेहद मुश्किल होगा। भारत का यह एमका फाइटर जेट एक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान होगा, जिसमें वियोंड विजुयल रेंज यानि बीवीआर मिसाइल, नजदीक से युद्ध करने की क्षमता होगी। स्टेल्थ एयर-फ्रेम के अलावा इसमें आइसा रडार, नेटसेंटरिक वॉरफेयर, एडवांस इंटीग्रेटेड सेंसर सूट और सेंसर डाटा फ्यूजन भी होगा।एयरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने एमका जेट की पायलट्स ट्रेनिंग के लिए सिम्युलेटर भी बनाकर एयरो इंडिया में प्रदर्शित किया है। किसी भी फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर फिर एयरक्राफ्ट को फ्लाई करने से पहले पायलट इन्हीं सिम्युलेटर्स पर ट्रेनिंग लेते हैं।

भारतीय वायुसेना और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के मुताबिक भारत के पहले 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट के लिए ऐसे इंजन की आवश्यकता है, जिसमें 6वीं पीढ़ी के मानव रहित और मानव रहित कार्यक्रमों में उपयोग की भावी विकास क्षमता हो। इसके लिए भारत किसी ब्रिटिश कंपनी के साथ बातचीत कर रहा है। कंपनी ने संयुक्त रूप से एक नया इंजन विकसित करने का वादा किया है, जो अमेरिकी स्टील्थ विमानों के इंजन ईजे-200 पर आधारित नहीं होगा। योजना के मुताबिक यह सिंगल सीट और ट्विन इंजन वाला हर मौसम में इस्तेमाल करने लायक बहुउद्देशीय फाइटर एयरक्राफ्ट होगा। भारत के पहले पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट को 2024 में लांच किए जाने की योजना है। शुरू में कुल चार प्रोटोटाइप की योजना बनाई गई है, जिसकी पहली उड़ान 2025 या 2026 में होने और इसके बाद 2029 में उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है।

वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया भी सालाना प्रेस कांफ्रेंस में कह चुके हैं कि हमने स्वदेशी 5वीं पीढ़ी के विमान में अपना विश्वास रखा है। यह एक दशक के बाद हमारा मुख्य आधार होगा। एएमसीए में छठी पीढ़ी की विशेषताएं होंगी जैसे कि मिसाइल विरोधी प्रणाली। एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को इस दशक के अंत तक वायुसेना के बड़े में शामिल करने की योजना है।


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