लाखों भारतीयों को सशक्त बनाने के लिए 5जी का समयबद्ध ‘रोलआउट’ जरूरी: मोदी
नई दिल्ली, 08 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भविष्य में तेजी से आगे बढ़ने और लाखों भारतीयों को सशक्त बनाने के लिए 5जी को समयबद्ध तरीके से ‘रोलआउट’ करने के लिए मिलकर काम करना होगा।
भारतीय मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी)-2020 को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने टेलीकॉम सेक्टर से जुड़े लोगों को ‘टास्क फोर्स’ बनाकर इलेक्ट्रॉनिक कचरे के निपटारे के बेहतर तरीकों पर सोच-विचार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि एक संपूर्ण चक्र वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए उद्योग इस टास्क फोर्स के जरिए बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान भारत को दूरसंचार उपकरण डिजाइन, विकास और विनिर्माण का एक वैश्विक केंद्र बनाने की भी अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खोजकर्ता जीवन को कैसे बेहतर बना सकते हैं, इस दिशा में प्रयास करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मोबाइल प्रौद्योगिकी के कारण लाखों भारतीयों को अरबों डॉलर का लाभ मिल रहा है। दूसरी ओर मोबाइल तकनीक की वजह से गरीब और कमजोर लोगों को मदद भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि मोबाइल तकनीक से ही कैशलेस लेनदेन और टोल बूथों पर सहज संपर्क रहित इंटरफेस सक्षम हो पाया है।
टेलीकॉम क्षेत्र में नवाचार का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद दुनिया पहले की तरह काम करती रही, इसमें टेलीकॉम क्षेत्र का बड़ा योगदान रहा है। इसके चलते एक मां अपने बेटे, एक शिक्षक अपने छात्र और एक मरीज अपने चिकित्सक से जुड़ा रहा।
किसी उत्पाद को बेहतर बनाने वाले 3 मुख्य कारकों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञ ‘कोड, उद्यमी ‘कांसेप्ट’ और निवेशक ‘पूंजी’ को इस दिशा में महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका मानना है कि युवाओं का खुद के उत्पाद पर विश्वास सबसे ज्यादा मायने रखता है। यही दृढ़ विश्वास लाभ और बहुत ज्यादा लाभ में अंतर करता है।
भारत के टेलीकॉम क्षेत्र का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सबसे कम मोबाइल टेरिफ हैं और सबसे तेजी से बढ़ती ऐप मार्केट है। भारत दुनिया में सबसे पसंदीदा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग बेस बनकर उभरा है। भारत में पिछले चार सालों में इंटरनेट उपयोगकर्ता दोगुने हो गए हैं और कुल इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से आधे ग्रामीण भारत से आते हैं।
उल्लेखनीय है कि आईएमसी-2020 का आयोजन भारत सरकार का दूरसंचार विभाग और सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (सीओएआई) द्वारा किया जा रहा है। यह 8 से 10 दिसंबर के बीच चलेगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार आईएमसी-2020 का इस बार का विषय ‘समावेशी नवाचार स्मार्ट, सुरक्षित, स्थायी’ है। इसका उद्देश्य प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘डिजिटल समावेशन’ और ‘सतत विकास, उद्यमशीलता व नवाचार’ को बढ़ावा देना है। इसका लक्ष्य दूरसंचार और उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में विदेशी व स्थानीय निवेश बढ़ाना और अनुसंधान व विकास को प्रोत्साहित करना है।
आईएमसी-2020 में विभिन्न मंत्रालयों, दूरसंचार कंपनियों के सीईओ, 5जी में डोमेन विशेषज्ञ और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड एंड एज कंप्यूटिंग, ब्लॉकचैन, साइबर-सिक्योरिटी और स्मार्ट सिटीज और ऑटोमेशन से जुड़े लोग भाग लेंगे।