55वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भारतीय सिनेमा की विरासत से रूबरू करा रहा ‘सफरनामा’

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गोवा की राजधानी पणजी में चल रहे 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में लगाई गई प्रदर्शनी ‘सफरनामा: भारतीय सिनेमा का विकास’ लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है । सिनेप्रेमियों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी भारत की सिनेमाई विरासत से रूबरू होने का यह एक सुनहरा मौका है ।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय सिनेमा के इतिहास और समृद्ध परंपरा को लोगों तक पहुंचने के उद्देश्य से यह मल्टीमीडिया प्रदर्शनी लगाई है । गुरुवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने प्रख्यात फिल्म अभिनेता और निर्माता अक्किनेनी नागार्जुन राव के साथ गुरूवार को पणजी कला अकादमी में मल्टीमीडिया प्रदर्शनी ‘सफरनामा: भारतीय सिनेमा का विकास’ का उद्घाटन किया ।

इस अवसर पर संजय जाजू ने कहा कि भारतीय सिनेमा का इतिहास राजा हरिश्चंद्र फिल्म से शुरू होता है जब भारत औपनिवेशिक शासन के अधीन था। इसके बावजूद भारत ने सिनेमा की सोच विकसित की और उस परंपरा को आज भी बरकरार रखा गया है। आईएफएफआई की इस विशेष पहल का उद्देश्य उस समृद्ध विरासत का सम्मान करना और विशेष रूप से युवा छात्रों के सामने परंपराओं को प्रदर्शित करना है, ताकि विरासत में मिले सिनेमा और समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों में उनकी रुचि बढ़े।

मीडिया से बातचीत करते हुए जाने-माने अभिनेता नागार्जुन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सिनेमा उनके लिए भारतीय है और इसमें भाषा की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता अक्किनेनी नागेश्वर राव, राज कपूर, मोहम्मद रफी और तपन सिन्हा जैसे अन्य सौ साल पुराने दिग्गजों द्वारा स्थापित विरासत वास्तव में अभूतपूर्व है।

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) ने अपने 55वें संस्करण में संगीत, कला और संस्कृति को मनोरंजन में विशिष्ट स्थान दिलाने वादा किया था। इसी कड़ी में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है ।

‘सफ़रनामा’ प्रदर्शनी में चार दीर्घाएँ उन चार महान हस्तियों को समर्पित हैं जिनकी शताब्दी इस वर्ष आईएफएफआई में मनाई जा रही है – राज कपूर, मोहम्मद रफ़ी, तपन सिन्हा और अक्किनेनी नागेश्वर राव। प्रदर्शनी में सिनेमा की इन चार महान हस्तियों को क्यूरेटेड कंटेंट और दुर्लभ अभिलेखीय सामग्रियों के साथ सम्मानित किया जा रहा है, जिसमें पोस्टर, वीडियो और यादगार चीज़ें शामिल हैं, जो भारतीय सिनेमा को आकार देने वाली इन प्रतिष्ठित हस्तियों को श्रद्धांजलि देती हैं।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण विभाग ने ‘सफरनामा: भारतीय सिनेमा का विकास’ को आयोजित करने की जिम्मेदारी दिल्ली स्थित प्रोडक्शन हाउस और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी स्टुडियो ग्रीन्स ( Studio Grins ) को दी है । उद्घाटन के मौके पर स्टुडियो ग्रीन्स के मैनेजिंग डायरेक्टर गोपी कृष्ण सहाय ने प्रदर्शनी की विशेषता बताते हुए कहा , “यहां की दीर्घाओं से गुजरते हुए भारतीय सिनेमा के इतिहास और उसकी समृद्ध परंपरा से साक्षात्कार होता है । यह अनुभव न सिर्फ रोमांच पैदा करता है बल्कि भारतीय सिनेमा के बार हमारे ज्ञान को भी बढ़ाता है ।”

स्टुडियो ग्रीन्स की डायरेक्टर स्वाति श्रीवास्तव ने कहा कि, हिंदी ही नहीं भारतीय सिनेमा में रूचि रखने वाले लोगों को प्रदर्शनी में जरूर आना चाहिए क्योंकि यहां आकर उन्हे नॉलेज और तकनीक का बेहतरीन सामंजस्य देखने को मिलेगा । यहां आकर लोगों को भारतीय सिनेमा की सार्वभौमिका का भी एहसास होगा ।

55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव ( IFFI 2024 ) के दौरान ‘सफरनामा: भारतीय सिनेमा का विकास’ प्रदर्शनी 20 से 28 नवंबर, 2024 तक चलेगा । इसमें में भारतीय सिनेमा के शुरुआती दिनों से लेकर समकालीन नवाचारों तक की यात्रा की गतिशील खोज प्रस्तुत की गई है।

प्रदर्शनी में प्रोजेक्शन मैपिंग, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, डिजिटल क्विज़ और डिजिटल पहेलियाँ जैसे नवीनतम तकनीकी तत्व हैं ।
स्टुडियो ग्रीन्स के डायरेक्टर और क्रिएटिव हेड त्रिवेंद्र चौहान की देखरेख में प्रदर्शनी का समायोजन बड़े ही सूझबूझ और तकनीकी दक्षता के साथ किया गया है ।

गुरुवार को प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री संजय जाजू द्वारा केटीबी – भारत हैं हम, एनिमेशन सीरीज सीजन-2 का शुभारंभ भी किया गया । स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित यह एनिमेटेड सीरीज 1 दिसंबर से दूरदर्शन, नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो और वेव्स पर स्ट्रीम होगी और साथ ही इसका आकाशवाणी पर एक रेडियो सीरीज के रूप में प्रसारण और स्पॉटिफाई पर पॉडकास्ट भी होगा।

यह सीरीज हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, मराठी, गुजराती, बंगाली, असमिया और ओडिया सहित 12 भारतीय भाषाओं और सात अंतरराष्ट्रीय भाषाओं – फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश, रूसी, कोरियाई, चीनी और अरबी में उपलब्ध होगी जिससे यह 150 देशों में वैश्विक दर्शकों के लिए सुलभ हो जाएगी तथा इसकी पहुंच और बढ़ जाएगी।

इसके शुभारंभ के दौरान दूरदर्शन की परंपरा और प्रसार भारती की नई ओटीटी पहल वेव्स के भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक शीर्षक गीत भी जारी किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रसार भारती के सीईओ श्री गौरव द्विवेदी, सीबीसी के महानिदेशक श्री योगेश बावेजा, कार्यक्रम के निर्माता ग्राफिटी स्टूडियो के मुंजाल श्रॉफ और तिलक शेट्टी, नेटफ्लिक्स इंडिया की सार्वजनिक नीति निदेशक महिमा कौल और प्राइम वीडियो की निदेशक एवं एसवीओडी प्रमुख शिलांगी मुखर्जी भी उपस्थित थीं।

 


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