रांची, 09 सितम्बर (हि.स.)। झारखंड में नक्सलियों के खात्मे के लिए 500 स्मॉल एक्शन टीम (सैट) बनाने की तैयारी है। पुलिस मुख्यालय ने अब प्लान बनाया है कि राज्य के 300 नए सैट को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। यह टीमें राज्य के विभिन्न थानों में तैनात की जाएंगी। जबकि 200 स्मॉल एक्शन टीम की तैनाती भी कर दी गई है। इन्हें राज्य के नक्सल प्रभावित 22 जिलों में तैनात किया गया है।
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने अब नक्सलियों के सफाये के लिए अलग-अलग जिलों में टीम को तैनात कर दिया है। इसमें विभिन्न जिलों की 123 टीमें, जैप की 42, आईआरबी की 17 और सैप की 18 टीमें शामिल है। सिर्फ गोड्डा और देवघर जिले में टीम की तैनाती नहीं की गई है। नक्सल प्रभावित इलाकों में अभियान चलाने के उद्देश्य से स्मॉल एक्शन टीम का गठन किया गया है। इस टीम को काउंटर इंसर्जेंसी एंड एंटी टेररिस्ट स्कूल(सीआईएटी) में विशेष प्रशिक्षण से तैयार किया गया है। गोरिल्ला वार सहित अत्याधुनिक तकनीक से लड़ाई के लिए टीम के सदस्यों और पदाधिकारियों को सेना, एसपीजी और अन्य कमांडो अधिकारियों तथा प्रशिक्षकों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है।
कैसे किया जाता है प्रशिक्षित
पुलिस सूत्रों के अनुसार राज्य के काउंटर इंसर्जेंसी एंड एंटी टेररिस्ट स्कूलों में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट(बीपीआरएंडडी) नई दिल्ली के निर्देश पर स्मॉल एक्शन टीम को नौ सप्ताह का प्रशिक्षण दिलवाया जाता है। इन्हें जंगलों में नक्सलियों से लड़ने के लिए विशेष तकनीक और प्लान से अवगत कराया जाता है।
इन जिलों में की गई है तैनाती
झारखंड में उग्रवादियों से लड़ने के लिए पहले चरण में 200 स्मॉल एक्शन टीम तैयार की गई है। इनमें बोकारो में छह, चतरा में 16, चाईबासा में सात, धनबाद में दो, दुमका में दो, गुमला में 18, गढ़वा में 18, गिरिडीह में 16, हजारीबाग में सात, जमशेदपुर में पांच और कोडरमा में तीन टीम की तैनाती की गई है, जो लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।