नई दिल्ली, 25 सितम्बर (हि.स.)। अब कार्यस्थल के तनावपूर्ण माहौल को योग से हल्का कर सकते हैं। आयुष मंत्रालय ने पांच मिनट के योग ब्रेक प्रोटोकॉल की शुरुआत की है। 5 मिनट के इस प्रोटोकॉल का उद्देश्य कार्य स्थलों पर लोगों का योग से परिचय करवाना है और काम के बोझ से ब्रेक दिला कर फिर से तरोताजा करना है। 5 मिनट के इस प्रोटोकॉल को जाने-माने योग विशेषज्ञों ने तैयार किया है जिसमें कुछ योग अभ्यास शामिल हैं,जैसे तड़ासन, कटिचक्रासन इत्यादि तथा नाड़ी शोधन, भ्रामरी, प्राणायाम और ध्यान। योग प्रोटोकॉल सफल होने के कारण अब इसे अन्य सरकारी दफ्तरो में शुरू करने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इस योजना के तहत सरकारी दफ्तरों में पांच मिनट का योग करवाया जाता था। कोरोना के कारण इसे रोक दिया गया था लेकिन अब इसे फिर से शुरू किया गया है। आयुष मंत्रालय ने एमडीएनआईवाई के साथ मिलकर वर्ष 2019 में 5 मिनट का ‘योग ब्रेक प्रोटोकॉल’ विकसित किया था। प्रोटोकॉल की शुरुआत पायलट परियोजना के तहत इसी साल जनवरी में की गई थी और इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों पर इसका असर भी सकारात्मक देखने को मिला ।
आयुष मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बदलती कार्यशैली और लगातार कंप्यूटर पर काम करने या एक ही स्थान पर बैठे रहने के कारण अधिकांश स्थानों पर काम करने वाले लोग काम का बोझ अनुभव करते हैं। कर्मचारियों को तनाव रहता है, जिसके परिणाम स्वरूप न सिर्फ उनके काम करने की क्षमता प्रभावित होती है बल्कि उत्पादकता कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय ने योग ब्रेक प्रोटोकॉल का अभ्यास फिर से शुरू किया है। आज आयुष भवन तथा एमडीएनआईवाई परिसर में इसका प्रदर्शन किया गया।
मौजूदा कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए सांस लेने के योग अभ्यास यानी प्राणायाम की क्रिया पर अतिरिक्त ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि प्राणायाम की मदद से फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। आयुष भवन में योग ब्रेक संबंधी यह प्रदर्शन और प्रशिक्षण 10 दिनों तक जारी रहेगा। इस दौरान कोरोना को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है, जिसमें सामाजिक दूरी भी शामिल है।