नई दिल्ली, 27 मई (हि.स.)। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) ने निजी लैब में कोरोना की जांच के लिए की जाने वाली टेस्टिंग की उच्चतम दर 4500 रुपये को हटा दिया है। इस संबंध में आईसीएमआर के महानिदेश बलराम भार्गव ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर कहा है कि केन्द्र द्वारा तय दरें निरस्त किए जा रहे हैं। राज्य सरकारें निजी लैब से बात कर दरें तय कर सकती हैं। मौजूदा समय में कुल 428 लैब है जिनमें टेस्टिंग की जा रही है। इनमें 182 निजी लैब को टेस्टिंग की अनुमति है। 428 सरकारी लैब है जहां टेस्ट नि:शुल्क हैं।
राज्यों को लिखी गई चिट्ठी में आईसीएमआर ने कहा है कि 17 मार्च को सभी निजी लैब के लिए कोरोना के टेस्ट की उच्चतम दर 4500 रुपये तय की गई थी। इस दौरान आईसीएमआर ने अपने 16 वितरण डिपो से सभी राज्यों को आरटी-पीसीआर टेस्ट किट्स उपलब्ध कराए और राज्यों में बनाए जा रहे किट्स की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया। चूंकि अब देश में ही आरटीपीसीआर किट्स का विनिर्माण किया जाने लगा है तो स्थितियां थोड़ी बेहतर हो गई हैं। कई राज्य स्वयं ही आरटी-पीसीआर टेस्ट किट्स की खरीद करने लगे हैं। ऐसे में राज्य अब अपने स्तर पर निर्णय ले सकते हैं। इससे टेस्ट की कीमतें और भी कम हो सकती है, जिसका फायदा लोगों को होगा।