नई दिल्ली, 23 मार्च (हि.स)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अप्रैल से 45 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को कोरोना का टीका लगाने की अनुमति दे दी है। वर्तमान में वैक्सीन लगाने के लिए 45 से 60 साल के व्यक्ति को डॉक्टर का सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत होती है कि वह किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं।
कैबिनेट के फैसलों पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बैठक में इस बारे में चर्चा हुई। टास्क फोर्स और वैज्ञानिकों की सलाह पर यह फैसला लिया गया है कि एक अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन मिलेगी। उन्होंने पात्र सभी लोगों से अनुरोध किया है कि वह खुद को रजिस्टर कराएं और वैक्सीन की खुराक लें।
वर्तमान में 60 साल के ऊपर और 45 वर्ष से 60 साल के बीच के गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को ही वैक्सीन दी जा रही है। इससे पहले सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं को पहले चरण में वैक्सीन दिए जाने को मंजूरी दी थी। जावड़ेकर ने आज कहा कि वैक्सीन लगाने के लिए 45 साल से ऊपर के व्यक्ति को एक अप्रैल से डॉक्टर का सर्टिफिकेट दिखाने की जरूरत नहीं है। यदि उम्र 45 से ऊपर है, तो उसे वैक्सीन मिलेगी।
जावड़ेकर ने कहा कि भारत में वैक्सीनेशन कार्यक्रम अच्छा और तेज गति से हो रहा है। आज तक चार करोड़ 83 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। इनमें से 80 लाख लोगों को दूसरी डोज मिल चुकी है। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड साढ़े 32 लाख लोगों को डोज दी गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हुई और टास्क फोर्स की सलाह के आधार पर दो फैसले किए गए हैं। पहला फैसला यह है कि एक अप्रैल से 45 के ऊपर कोई भी हो सबको वैक्सीन उपलब्ध होगी।”
उन्होंने कहा कि दूसरा फैसले यह लिया गया है कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज को चार से आठ सप्ताह के भीतर दिया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोविशील्ड का डोज चार से आठ सप्ताह तक लेना फायदेमंद है। अभी तक पहली और दूसरी डोज के बीच चार से छह सप्ताह का अंतराल रखा जाता था।
केन्द्रीय मंत्री ने साथ ही सभी को आश्वस्त किया कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार से वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने की अपील की थी। वहीं विपक्षी कांग्रेस का आरोप था कि सरकार धीमी गति से टीकाकरण कर रही है।