हरिद्वार, 11 मार्च (हि.स.)। धर्मनगरी हरिद्वार में महाशिवरात्रि पर्व पर कुंभ का पहला शाही स्नान सम्पन्न हुआ। भोर सवेरे सेे ही लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां गंगा में आस्था की डुबकी लगायी। मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत भी शाही स्नान में पहुंचे और संतों का स्वागत कर उनका आशीर्वाद लिया। मेला प्रशासन के अनुसार शाम 5 बजे तक करीब 40 लाख श्रद्धालु गंगा में स्नान कर चुके थे।
सुबह 9 बजे से हर की पैड़ी को अखाड़ों के साधुओं के स्नान के लिए आरक्षित कर दिया गया था। 12 बजे तक जूना, अग्नि, आवाहन व किन्नर अखाड़े के संतों ने स्नान किया। उसके बाद निरंजनी व आनन्द अखाड़े के संतों ने हजारों नागा संन्यासियों के साथ गंगा में डुबकी लगायी। स्नान के लिए जा रहे साधु-संतों खासकर नागा संन्यासियों को देखने के लिए सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ी जिन्होंने संतों के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं ने संतों के दर्शन के साथ गंगा में डुबकी लगायी। कुंभ के प्रथम शाही स्नान पर कोविड नियम का पालन कराया गया। लाखों की भीड़ में श्रद्धालुओं को कोविड नियमों का पालन करवाना प्रशासन के लिए चुनौती भरा कार्य रहा।
स्नान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। हरिद्वार नगरी को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया था। नगर के हर पॉइंट्स पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी की गयर थी। आईटीबीपी के जवानों के साथ ही सभी एजेंसियां चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए थीं। जल पुलिस, डॉग स्क्वाड के साथ ही क्यूआरटी की टीम व घोड़ा पुलिस को भी तैनात किया गया था। इस दौरान कुंभ क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कुंभ आईजी संजय गुंज्याल ने हरकी पैड़ी पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही मौके पर मौजूद अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। सभी अखाड़ों पर प्रशासन की ओर से पुष्प वर्षा की गई। इसके साथ ही मेला अधिकारी दीपक रावत ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। आज के शाही स्नान में सन्यासियों के सात अखाड़ों जूना, आवाह्न, अग्नि, निरंजनी, आनन्द, निर्वाणी व अटल अखाड़े के साधुओं ने स्नान किया।
इसके साथ ही इतिहास में पहली बार हरिद्वार कुंभ मेले में किन्नर अखाड़े ने हरकी पौड़ी पर शाही स्नान किया। किन्नर अखाड़ा शाही स्नान करने के लिए जूना अखाड़े के साथ पहुंचा। जूना अखाड़े अग्नि और आह्वान अखाड़े के बाद किन्नर अखाड़े ने हरकी पौड़ी पर शाही स्नान किया। इस मौके पर सबसे पहले अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने अपने इष्ट देवता को गंगा स्नान करवाया। उसके बाद गंगा पूजन कर गंगा में डुबकी लगाई। उसके साथ ही सभी किन्नर अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया। स्नान से पूर्व सभी संतों ने गंगा तट पर खड़े होकर अपने आराध्य व मां गंगा को नमन किया उसके पश्चात शाही स्नान किया। स्नान के दौरान हरकी पैड़ी सहित ब्रह्म कुण्ड की छठा अनुपम नजर आयी।