जवाई पैंथर कंजर्वेशन में मादा पैंथर के साथ पहाड़ी पर अठखेलियां करते दिखे 4 शावक

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पाली, 15 जून (हि. स.)। कोरोना के संकटकाल में एक बार फिर वन्यजीवों के कुनबे से राजस्थान के लिए अच्छी खबर आई है। इस बार यह खुशखबरी पाली के जवाई पैंथर कंजर्वेशन से आई है। जहां एक मादा पैंथर के साथ उसके चार शावक दिखाई दिए हैं। मादा पैंथर के साथ शावकों के दिखाई देने पर ग्रामीणों में भी खुशी का माहौल हैं।
जवाई पैंथर कंजर्वेशन के आस-पास में रहने वाले मनुष्य, पैंथर और वन्यजीवों के बीच गजब का तालमेल हैं। यही कारण है कि जवाई पैंथर कंजर्वेशन से अच्छी खबर आने से यहां के ग्रामीण काफी खुश है। जवाई पहाड़ी पर पैंथर के ये चार शावक और मादा पैंथर एक साथ अठखेलियां करते दिखाई दिए हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि करीब दो साल पहले इसी पहाड़ी पर इसी मादा पैंथर ने दो शावकों को जन्म दिया था। वन विभाग के अधिकारियों की माने तो चार शावकों को जन्म देने वाली इस मादा पैंथर का नाम ग्रामीणों ने जीवदा रखा है। जीवदा ने जिन चार शावकों को जन्म दिया है उनमें दो मादा और दो नर शावक हैं। रेंजर किशन ने बताया कि पैंथर का कुनबा बढऩे से क्षेत्रीय ग्रामीण खुश है।
क्षेत्र में पैंथर की बढ़ती आबादी को देखकर उपखंड प्रशासन के अलावा वन विभाग में भी खुशी है। पहाड़ी पर चार शावकों के दिखाई देने की जानकारी पर उपखंड अधिकारी श्रीनिधि बीटी और तहसीलदार सर्वेश्वर निम्बार्क ने वन विभाग के अधिकारियों को नवजात चारों शावकों व मादा पैंथर के लिए पहाड़ी के करीब भोजन-पानी की वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
मनुष्य, पैंथर और वन्यजीव समझते है एक-दूसरे की भाषा
ग्रामीणों का मानना है कि वन्यजीवों के कारण उनके गांव के लोगों को रोजगार मिला हुआ है। इन्हीं वन्यजीवों से और इस तरह पैंथर का कुनबा बढऩे से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। पर्यटकों की आवाजाही होने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। ग्रामीणों और वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां गांव वाले पैंथर्स के क्षेत्र और उनकी आदतों का खास ध्यान रखते हैं। इसी कारण से यहां पर मनुष्य और पैंथर के बीच किसी तरह के कोई संघर्ष की बात सामने नहीं आई है। जवाई पैंथर कंजर्वेशन में गत सालों में मनुष्य और इंसान के बीच टकराव नहीं हुआ है। यहां गांव में रहने वाले बच्चे भी बेखौफ होकर पहाड़ी पर चढ़ जाते है और वन्यजीवों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करते हैं। जिले का जवाई लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व एक मात्र ऐसी जगह है जहां बड्र्स के साथ-साथ पैंथर और इंडियन मार्श क्रोकोडाइल भी दिख सकता है।

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