पीएम केयर्स फंड से 3100 करोड़ रुपये कोविड से जंग के लिए आवंटित

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दो हजार करोड़ रुपये से वेंटिलेटर्स खरीदे जाएंगे- एक हजार करोड़ रुपये प्रवासी कामगारों की देखरेख में खर्च होंगे – सौ करोड़ रुपये वैक्‍सीन के विकास में सहायता के लिए दिए जाएंगे 



नई दिल्ली, 14 मई (हि.स.)। पीएम केयर्स (प्राइम मिनिस्‍टर्स सिटीजन असिस्‍टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन्‍स) फंड ट्रस्‍ट ने कोविड-19 के खिलाफ जंग के लिए बुधवार देर रात 3100 करोड़ रुपये का आवंटन करने का फैसला लिया। इसमें से लगभग 2000 करोड़ रुपये से वेंटिलेटर्स खरीदे जाएंगे। 1000 करोड़ रुपये प्रवासी कामगारों की देखरेख में खर्च होंगे और 100 करोड़ रुपये वैक्‍सीन के विकास में सहायता के लिए दिए जाएंगे।
इस ट्रस्ट का गठन 27 मार्च 2020 को किया गया था।। इस ट्रस्ट का नेतृत्व प्रधानमंत्री के हाथों में है और ट्रस्ट के अन्य पदेन सदस्यों में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री शामिल हैं। इस 3100 करोड़ के पैकेज की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश भर में कोविड-19 के मामलों से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड से लगभग 2000 करोड़ रुपये की लागत से 50 हजार ‘मेड इन इंडिया’ वेंटिलेटर्स की खरीद की जाएगी। ये वेंटिलेटर्स समस्‍त राज्‍यों/संघ शासित प्रदेशों में सरकार द्वारा संचालित कोविड अस्‍पतालों को दिए जाएंंगे।
प्रवासियों के लिए राहत के उपाय
प्रवासियों और गरीबों के लिए किए जा रहे मौजूदा उपायों के लिए राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों को पीएम केयर्स फंड से कुल 1000 करोड़ रुपये की एकमुश्‍त सहायता प्रदान की जाएगी।ताकि प्रवासियों के लिए आवास सुविधा, भोजन व्यवस्था, चिकित्सा और परिवहन की व्यवस्था की जा सके।
वैक्‍सीन का विकास
कोविड-19 से निपटने के लिए वैक्‍सीन की सबसे ज्‍यादा आवश्‍यकता है। भारतीय शैक्षणिक समुदाय, स्‍टार्ट-अप्‍स और उद्योग जगत एकजुट होकर इस अत्‍याधुनिक वैक्‍सीन का डिजाइन और विकास करने में संलग्‍न हैं। कोविड-19 वैक्‍सीन को डिजाइन और विकसित करने वालों की सहायता के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि पीएम केयर्स फंड से दी जाएगी, ताकि वैक्‍सीन विकास के कार्य को सहायता दी जा सके। इस राशि का उपयोग प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के निरीक्षण में किया जाएगा।

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