भोपाल, 22 मई (हि.स.)। मध्य प्रदेश में 31 मई तक प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों, विकासखंडों और जिलों को कोरोना मुक्त करना है। कोरोना के विरुद्ध आरंभ हुए युद्ध में प्रत्येक स्तर पर जन-भागीदारी और क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मई माह में कोरोना के प्रकरणों को शून्य कर एक जून से धीरे-धीरे अनलॉक करने की प्रक्रिया का क्रियान्वयन भी जन-भागीदारी से किया जाएगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहीं। चौहान ने कोरोना नियंत्रण के संबंध में जिलों के कोविड प्रभारी मंत्री, प्रभारी अधिकारियों सहित सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों, कलेक्टर्स तथा पुलिस अधीक्षकों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण की स्थिति में है। पॉजिटिविटी रेट 4.82 प्रतिशत है। प्रदेश में 79 हजार 737 टेस्ट किए गए जिसमें सिर्फ तीन हजार 844 पॉजीटिव आए हैं और नौ हजार 327 व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं। प्रदेश का रिकवरी रेट 90.86 प्रतिशत हो गया है।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब अस्पतालों के सभी बिस्तर भरे हुए थे। ऑक्सीजन की मारामारी थी और रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए हाहाकार मचा हुआ था। आज सबके परिश्रम व टीम भावना से कार्य करने के परिणाम स्वरूप वर्तमान में मध्यप्रदेश पहले की तुलना में बेहतर स्थिति में है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस उपलब्धि के लिए पूरी टीम को बधाई दी।
माइक्रो प्लानिंग कर मॉनीटरिंग सुनिश्चित करें
चौहान ने कहा कि कोरोना बहुरूपिया है, अत: इसे नियंत्रित देखकर निश्चिंत नहीं बैठा जा सकता है। परन्तु संक्रमण रोकने के लिए प्रदेश में अनंतकाल तक बंद भी नहीं रखा जा सकता है। एक जून से धीरे-धीरे अनलॉक प्रक्रिया आरंभ की जाना है। इसके लिए प्रभावी रणनीति का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करना होगा। प्रदेश के कुछ जिलों में सिंगल डिजिट में केस आ रहे हैं जबकि कई जिलों में प्रकरणों की संख्या अभी भी अधिक है। इस स्थिति में हमें एरिया स्पेसिफिक रणनीति बनाना होगी।
उन्होंने कहा कि जिलों के अधिक संक्रमण वाले वार्डों तथा गाँव को हॉट स्पॉट के रूप में चिन्हित करना होगा। इन क्षेत्रों को माइक्रो कन्टेन्टमेंट एरिया बनाकर सघन मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। सघन टेस्टिंग के लिए अभियान जारी रहे। जिन घरों में कोरोना संक्रमण से प्रभावित व्यक्ति हैं उन्हें होम आइसोलेट किया जाए। यह भी सुनिश्चित करें की ऐसे व्यक्ति परिवार के अन्य सदस्यों से नहीं मिलें। इसका लगातार अनुसरण करना आवश्यक है। उन्होंने प्रभारी मंत्रियों तथा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में परिस्थिति अनुसार माइक्रो प्लानिंग कर मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं।
टेस्टिंग जारी रहे
चौहान ने कहा कि जहाँ कोरोना का एक भी पॉजीटिव केस हो वहाँ टेस्टिंग जारी रहे। टेस्टिंग के लिए सघन गतिविधियां संचालित की जाएं। कुछ जिलों में मोबाइल टेस्टिंग व्यवस्था की गई है। यह अच्छा प्रयोग है, जिसका अनुसरण आवश्कतानुसार अन्य जिले भी कर सकते हैं।
लगातार जारी रहेगा किल-कोरोना अभियान
शिवराज का कहना था कि किल-कोरोना अभियान लगातार जारी रखा जाए। तीसरा अभियान 24 मई को पूर्ण होगा, इसके साथ ही चौथा किल-कोरोना अभियान आरंभ किया जाएगा। सर्दी, खाँसी, जुकाम से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति की पहचान कर उसे तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। आवश्यकतानुसार इलाज की व्यवस्था की जाए। कोरोना के लक्षणों को पहचानने और इलाज आरंभ करने में विलम्ब नहीं हो। जो कोरोना मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं उनका बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए। मरीज की जान बचाने की हरसंभव कोशिश की जाए।
तीसरी लहर के लिए तैयारियाँ आवश्यक
चौहान ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए तैयारी जारी है। इसके दो ही तरीके हैं। प्रथम कोरोना से बचाव की सावधानियों जैसे मॉस्क पहनना, भीड़ नहीं लगाना, दो गज की दूरी आदि का इतनी कड़ाई से पालन किया जाए की तीसरी लहर आए ही नहीं। इस रणनीति का क्रियान्वयन क्राइसिस मैनेजमेंट समितियों, पंचायत एवं नगरीय क्षेत्र के जन-प्रतिनिधियों की सहभागिता और जन-जागरण अभियान से किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल की प्रशंसा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भी की गई है। प्रदेश में जन-भागीदारी की शक्ति को पहचानते हुए कोरोना के विरुद्ध इसका सार्थक उपयोग किया जाए। कोरोना की तीसरी लहर के लिए स्वास्थ्य अधो-संरचना ढाँचे को सशक्त करने के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है।