भारत में 2050 तक 30 करोड़ से ज्यादा आबादी होगी उम्र दराज

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लान्जिटूडनल एजिंग स्टडीज ऑफ इंडिया (एलएएसआई) पर इंडिया रिपोर्ट वेव-1 जारी  इनमें से 75 फीसदी बुजुर्ग होंगे किसी न किसी बीमारी के शिकार



नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। भारत में 2050 तक 30 करोड़ से अधिक आबादी 60 साल से ऊपर की होगी। साल 2011 की जनगणना में भारत की आबादी का 8.6 प्रतिशत हिस्सा यानी 103 मिलियन 60+ से ऊपर था। अब तीन प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से 2050 में वृद्धिजनों की आबादी बढ़कर 31.9 करोड़ हो जाएगी। इनमें से 75 प्रतिशत वृद्धजन किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होंगे। 40 प्रतिशत वृद्धजन को कोई न कोई दिव्यांगता होगी और 20 प्रतिशत वृद्धजन मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित रोगों से ग्रसित होंगे।
यह अनुमान भारत की बुजुर्ग आबादी यानि लान्जिटूडनल एजिंग स्टडीज ऑफ इंडिया (एलएएसआई) पर इंडिया रिपोर्ट वेव-1 में लगाया गया है। इसे बुधवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जारी किया है। यह एलएएसआई रिपोर्ट भारत में उम्रदराज हो रही आबादी के स्वास्थ्य, आर्थिक तथा सामाजिक निर्धारकों और परिणामों की वैज्ञानिक जांच का व्यापक राष्ट्रीय सर्वे है। इस सर्वे 45 वर्ष तथा उससे ऊपर के 72,250 व्यक्तियों और उनके जीवनसाथी का बेसलाइन सैम्पल कवर किया गया है। इसमें 60 साल और उससे ऊपर की उम्र के 31,464 व्यक्ति तथा 75 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के 6,749 व्यक्ति शामिल हैं। यह सैम्पल सिक्किम को छोड़कर सभी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से लिए गए।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वृद्धजनों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम में हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया, अमेरिका, डीटीई.जीएचएस, संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) तथा राष्ट्रीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग के सहयोग से इंटरनेशलन इंस्टीट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस), मुंबई के माध्यम से यह सर्वे किया गया। डॉ. हर्षवर्धन ने रिपोर्ट जारी होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह भारत का पहला तथा विश्व का अब तक का सबसे बड़ा सर्वे है जो सामाजिक, स्वास्थ्य तथा आर्थिक खुशहाली के पैमानों पर वृद्ध आबादी के लिए नीतियां और कार्यक्रम बनाने के उद्देश्य से लान्जिटूडनल डाटाबेस प्रदान करता है।
सर्वे से मिले नतीजों का उपयोग वृद्धजनों के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम को मजबूत और व्यापक बनाने में किया जाएगा और इससे वृद्धजनों की आबादी के लिए प्रतिरोधी तथा स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाने में मदद मिलेगी। लान्जिटूडनल एजिंग स्टडीज ऑफ इंडिया के महत्व की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट वृद्धजन आबादी के लिए राष्ट्रीय तथा राज्यस्तरीय कार्यक्रमों और नीतियों के लिए आधार प्रदान करेगी।

 


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