उत्तर बिहार के 8 जिलों की 3 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में

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सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जिले प्रभावित सबसे अधिक असर दरभंगा जिले में, 1 लाख 58 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित निचले स्थान में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने  को कहा गया लाल निशान से ऊपर बह रही हैं राज्य की आधा दर्जन नदियां



पटना, 20 जुलाई (हि.स.)। नेपाल समेत कोसी, सीमांचल और उत्तरी बिहार के कई जिलों में लगातार दो दिनों से रुक- रुककर हो रही बारिश से बाढ़ का संकट बढ़ गया है। इस समय राज्य के 8 जिलों की तीन लाख से अधिक आबादी बाढ़ की चपेट में है। बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों में सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण शामिल हैं। इन 8 जिलों के 37 प्रखंडों की 153 पंचायतों में जल प्रलय की स्थिति है, जहां सरकार की ओर से आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। साथ ही लोगों को आगाह किया जा रहा है कि निचले स्थान में रहने वाले लोग ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट हो जाए।

जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बूढ़ी गंडक लगातार बढ़ रही है। हालांकि वह खतरे के निशान से अभी 30 से 40 सेंटीमीटर नीचे है। रोसड़ा रेल पुल के पास मात्र एक जगह यह खतरे के निशान से ऊपर है। बाढ़ ने सबसे अधिक दरभंगा जिले को प्रभावित किया है। यहां के 1 लाख 58 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। उत्तर बिहार में गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती उफान पर हैं। मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक के कारण शहर के कई इलाकों पर पानी का दबाव बढ़ गया है। राज्य की आधा दर्जन नदियां लाल निशान से ऊपर ही बह रही हैं। बागमती दरभंगा, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर में अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

मधुबनीः कई गांवों में घुसा पानी, सड़क और स्कूलों में लोगों ने ली शरण 

मधुबनी जिले में दो दिनों से हो रही बारिश से नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। इससे आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। बेनीपट्टी के बसैठ,पाली सहित अन्य गांवों के कई घरों में पानी घुस गया है। बररी, फुलवरिया, नवगाछी और घनुषी गांवों के दर्जनों परिवार अब भी चारों ओर पानी से घिरे हैं। लोग सड़क और स्कूलों में शरण लिये हुए हैं। सोहरौल से उच्चैठ जाने वाली मुख्य सड़क लगभग 50 फीट में टूट गई है। रास्ता पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। जयनगर में कमला नदी के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जबकि बिस्फी में बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर हो गई है। सोमवार सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश से धौंस नदी पर बने महाराजी बांध पर जगवन कोठी, मरवा, रघौली, लूधैल पर पानी का काफी दबाव है।

मुजफ्फरपुर में पूर्व मंत्री के घर में पानी घुसा

मुजफ्फरपुर में लगातार बारिश के कारण नेशनल हाईवे 28 से सटा इलाका पूरा जलमग्न हो चुका है। यहां स्थित बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अजित कुमार के घर में भी पानी घुस गया है। पूर्व मंत्री अजित कुमार ने कहा कि स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर के सबसे पॉश इलाके का यह हाल है। वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि 10 साल से नालों की सफाई ही नहीं हुई है। नगर विकास मंत्री स्थानीय विधायक हैं, इसके बावजूद ऐसा हाल है।

फरक्का में गंगा लाल निशान पार, बक्सर से भागलपुर तक बढ़ा खतरा

बिहार में गंगा नदी का बक्सर से लेकर भागलपुर तक जलस्तर बढ़ता जा रहा है। इससे बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। फरक्का में गंगा नदी खतरे के निशान से 12 सेंटीमीटर ऊपर है। गंगा का बढ़ते जलस्तर से छोटी नदियों में भी इसका पानी प्रवेश कर रहा है। बक्सर में ठोरा नदी, पटना में पुनपुन नदी समेत कई नदियां जो गंगा में मिलती है उसमें पानी का दवाब बढ़ने लगा है। फरक्का में गंगा के लाल निशान के ऊपर आने के बाद अब बिहार में भी बक्सर से भागलपुर तक इसके जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका है। कहलगांव में इसके जलस्तर में वृद्धि होने लगी जबकि भागलपुर में इसका घटता जलस्तर ठहर गया। कहलगांव में जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 18 सेमी ही नीचे है। यानी बक्सर से भागलपुर तक जलस्तर खतरे के निशान के क़रीब होता जा रहा है।

सुपौल में मूसलाधार बारिश से हालत बिगड़ी

कोसी के सुपौल जिले में मूसलाधार बारिश से सोमवार की सुबह घरों के आगे जलजमाव दिखने से लोग डर गए कि कहीं फिर से शहर डूब न जाए। पांच घंटे की तेज बारिश से शहर की हालत फिर बिगड़ गई। कई मोहल्ले और सड़कें फिर से जलमग्न हो गई हैं। नाला और सड़क में फर्क मिट गया है। निचले इलाके में तेजी से पानी फैल रहा है और लोगों के घरों में पानी प्रवेश करने लगा है। नेशनल हाइवे 106 तालाब में तब्दील हो गया है।

आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रही 21 सामुदायिक रसोई

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। सुपौल में 2, दरभंगा में 2 और गोपालगंज में 3 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गोपालगंज में 9, सुपौल में 2, पूर्वी चंपारण में 9 और दरभंगा में 7 सहित कुल 27 सामुदायिक रसोई चालाई जा रही है। इसमें रोजाना करीब 21 हजार लोग भोजन कर रहे हैं।

 


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