28 अक्टूबर इतिहास के पन्नों में

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राग दरबारी का रचयिताः कालजयी व्यंग्य उपन्यास ‘राग दरबारी’ के रचयिता श्रीलाल शुक्ल का 28 अक्टूबर 2011 में निधन हो गया। व्यंग्य लेखन से हिंदी साहित्य को नयी रंगत देने वाले श्रीलाल शुक्ल ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित थे। बेबाक बयानी के लिए मशहूर श्रीलाल शुक्ल उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिए मशहूर थे।

31 दिसंबर 1925 को लखनऊ के मोहनलालगंज के पास अतरौली गांव में पैदा हुए श्रीलाल शुक्ल पीसीएस बने और बाद में प्रोन्नत होकर आईएएस बने। संस्कृत, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी के विद्वान श्रीलाल शुक्ल सरकारी सेवा में रहते हुए अपने लेखन को वे समृद्ध करते रहे। उनका पहला उपन्यास 1957 में ‘सूनी घाटी का सूरज’ और सबसे लोकप्रिय उपन्यास ‘राग दरबारी’ 1968 में प्रकाशित हुआ।

चुटीले अंदाज में व्यवस्था पर चोट करने वाले उपन्यास ‘राग दरबारी’ ऐसा लोकप्रिय हुआ कि पंद्रह भारतीय भाषाओं के साथ अंग्रेजी में भी इसका प्रकाशन हुआ। हिंदी साहित्य की कई पीढ़ियों ने इस उपन्यास को बेहद पसंद किया। 1969 में उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। उन्होंने हिंदी साहित्य को कुल 25 कृतियां दीं जिनमें राग विराग, मकान, विश्रामपुर का संत शामिल हैं।

अन्य अहम घटनाएं:

1867: स्वामी विवेकानंद की सहयोगी एवं समाजसेवी सिस्टर निवेदिता का जन्म।

1900: प्रसिद्ध जर्मन संस्कृतवेत्ता एवं प्राच्य विद्या विशारद मैक्स मूलर का निधन।

1930: भारतीय फिल्मों के मशहूर गीतकार अनजान का जनम।

1955: माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का जन्म।

1963: भारतीय रिजर्व बैंक के 24वें गवर्नर रहे उर्जित पटेल का जन्म।

2013: मशहूर साहित्यकार व संपादक राजेंद्र यादव का निधन।


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