मुंबई में छह साल में 2704 इमारतें ढहीं, 234 लोगों की मौत, 840 घायल

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आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी और सुरक्षित शहर कहा जाता है। लेकिन सपनों की इस नगरी में पिछले छह साल के दौरान 234 लोगों की मौत इमारतें गिरने जैसे हादसों में हो चुकी है, जबकि 840 लोग घायल हुए हैं। मुंब



मुंबई, 16 जुलाई (हि.स.)। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले छह साल के दौरान मानसून में 2704 इमारतें ढह गई हैं, जिसमें 234 लोगों की मौत हुई है। वहीं 840 लोग घायल भी हुए हैं। मृतकों में 82 महिलाएं और 152 पुरुष शामिल थे, जबकि 302 पुरुष और 538 महिलाएं मलबे में दबकर घायल हुई थीं । मनपा ने वर्ष 2019-2020 के दौरान कुल 499 इमारतों को सी-1 (अति खतरनाक) श्रेणी के तहत अति खतरनाक/जर्जर इमारत घोषित कर रखा है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से मंगलवार को जो इमारत गिरी है, उसका नाम इस सूची में नहीं डाला गया है।
मंगलवार को मुंबई के डोंगरी परिसर में चार मंजिली इमारत का कुछ हिस्सा ढह गया, जिसमें अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 8 घायलों को बाहर निकाला जा सका है। अभी भी मलबे में 30 लोगों के दबे होने की आशंका है। अगस्त 2017 में भी मानसून के दौरान भिंडी बाजार में 100 साल पुरानी जर्जर इमारत के गिरने से 37 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें तीन साल की एक बच्ची भी शामिल थी। इसके अलावा 5 से ज्यादा लोगों को मलबे से जिंदा बाहर निकाला गया था।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी और सुरक्षित शहर कहा जाता है। लेकिन सपनों की इस नगरी में पिछले छह साल के दौरान 234 लोगों की मौत इमारतें गिरने जैसे हादसों में हो चुकी है, जबकि 840 लोग घायल हुए हैं। मुंबई महानगर पालिका प्रशासन की ओऱ से दी गई जानकारी के अनुसार, मानसून के दौरान पिछले छह वर्षों (साल 2013 से 2018 तक ) में मुंबई शहर में कुल 2704 इमारत गिरी हैं। मनपा आपातकालीन प्रबंधन विभाग के सूचना अधिकारी एवं सहायक अभियंता सुनील जाधव ने बताया कि साल 2013 में कुल 531 इमारतें गिरी हैं, जिसमें कुल 101 लोगों की मौत हुई है। इस हादसे में 58 पुरुष और 43 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा 183 लोग घायल हुए थे, इसमें 110 पुरुष और 73 महिलाएं शामिल थीं।  साल 2014 में कुल 343 इमारतें गिरी हैं, जिसमें कुल 21 लोगों की मौत हुई है। इस हादसे में 17 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल थीं। इसके साथ ही 100 लोग घायल हुए थे, जिसमें 62 पुरुष और 38 महिलाएं शामिल थीं। साल 2015 में इमारत गिरने की 417 घटनाएँ हुईं जिसमें 15 लोगों की मौत औऱ 120 लोग घायल हुए थे। इस हादसे में 11 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल थीं। 120 घायलों में से 79 पुरुष और 41 महिलाएं शामिल थीं। इसी तरह, साल 2016 में मानसून के दौरान 486 इमारतें ढह गईं। इसमें 24 लोगों की मौत हुई, जिसमें 17 पुरुष और 7 महिलाएं शामिल थीं। इस हादसे में 171 लोग घायल हुए, जिसमें 113 पुरुष और 59 महिलाएं शामिल थीं।
जर्जर इमारतों के गिरने की संख्या हर मानसून में बढ़ती जा रही हैं। मनपा से मिली जानकारी के अनुसार, साल 2017 में 568 इमारतें गिर गईं, जिसमें 66 लोगों की मौत हुई और 165 लोग घायल हुए हैं। इस हादसे में 44 पुरुष और 22 महिलाओं की मौत हुई थी, जबकि 101 पुरुष और 64 महिलाएं घायल हुई थीं। साल 2018 में हालांकि 359 इमारतों के गिरने की बात मनपा प्रशासन की ओऱ से दी गई थी। इस हादसे में 7 लोगों की मौत हुई थी। इसमें 5 पुरुष और  2 महिलाएं शामिल थीं। मनपा अधिकारियों और बचाव दल ने मलबे से 100 घायलों को बाहर निकाला था, जिसमें 73 पुरुष और 27 महिलाएं शामिल थीं।
वर्ष        इमारतें गिरने      घायलों की संख्या         कुल       मृतकों की संख्या               कुल
       की घटनाएं        पुरुष     महिला           घायल           पुरुष      महिला                मृतक
2013         531                  110       73                 183               58       43                     101
2014  343                  62        38                100                 17       04                     21
2015   417                   79        41               120                 11       04                      15
2016 486                  113       59               172                 17       07                      24
2017 568                  101       64               165                 44       22                      66
2018        359                  73         27               100                 05       02                      07
कुल        2704                  538        302                840           152        82                     234

 


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