नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के तीन दिवसीय दौरे पर सुरक्षा के मद्देनजर घाटी की जेलों में बंद 26 आतंकी गुर्गों को वायुसेना के टैंकर विमान से उत्तर प्रदेश की आगरा जेल में शिफ्ट किया गया है। यह सभी कथित तौर पर घाटी की जेलों के अंदर से आतंकी साजिशों में शामिल थे। अमित शाह के जम्मू-कश्मीर पहुंचने से पहले स्निपर्स, ड्रोन और शार्प शूटर को तैनात किया गया है। इसके अलावा सेना, बीएसएफ और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स के नगरोटा मुख्यालय में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की है।
जम्मू-कश्मीर की पीर पंजाल पहाड़ियों में आतंकियों के खिलाफ चल रहा सेना का ऑपरेशन शनिवार को 12वें दिन में प्रवेश कर गया। हालांकि पाक प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है। इस बीच सूरनकोट में सेना के दो पोर्टर को हिरासत में लिया गया और यहां दो आईईडी डिफ्यूज की गईं हैं। गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर के दौरे से पहले ओवरग्राउंड वर्कर्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है।
जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद 26 ओजीडब्ल्यू को वायुसेना के टैंकर विमान आईएल 78 से पहले दिल्ली लाया गया और फिर आज सुबह आगरा की जेल में शिफ्ट किया गया है। सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए इन ओजीडब्ल्यू पर आतंकी संगठनों को रसद सहायता प्रदान करने का आरोप है। यह सभी कथित तौर पर घाटी की जेलों के अंदर से आतंकी साजिशों में शामिल थे। जम्मू-कश्मीर के प्रमुख सचिव शाहलीन काबरा के आदेश पर इन आतंकी गुर्गों को आगरा जेल में शिफ्ट करने के लिए वायुसेना ने टैंकर विमान उपलब्ध कराया। आदेश में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट की धारा 10 (बी) के तहत प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए सरकार ने हिरासत में लिए गए बंदियों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया है। इन गुर्गों को सेंट्रल जेल, श्रीनगर जिला जेल, बारामूला, जिला जेल कुपवाड़ा, सेंट्रल जेल जम्मू कोठभलवाल, राजौरी और पुंछ की जिला जेलों से निकाला गया है। यह बंदी घाटी की कई जेलों के अंदर से कथित तौर पर आतंकी साजिश को अंजाम दे रहे थे। ये ओजीडब्ल्यू फोन कॉल और आगंतुकों के माध्यम से आतंकवादियों को रसद और अन्य सहायता प्रदान करते रहे। उन्हें घाटी से बाहर स्थानांतरित करना आतंकी नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश है।
इस बीच एनआईए ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में 10 स्थानों पर छापेमारी कर आतंकवादियों को सहायता देने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया। एनआईए ने एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, कुलगाम, शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग और बारामूला जिलों में तलाशी ली गई। पकड़े गए आतंकी गुर्गों में आदिल अहमद वार, मनन गुलजार डार, शोभिया, श्रीनगर के जमिन आदिल, हिलाल कुपवाड़ा से अहमद डार, शाकिब बशीर, अनंतनाग से रौफ भट्ट और हारिस निसार लांगू हैं। इस मामले में एनआईए ने अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इससे पहले 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद घाटी की जेलों से आतंकवादियों और ओजीडब्ल्यू को उत्तर प्रदेश की कई जेलों में स्थानांतरित किया गया था। 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद से केंद्रीय मंत्री अमित शाह की जम्मू-कश्मीर की यह पहली यात्रा है। वह श्रीनगर में सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। वह संयुक्त अरब अमीरात में श्रीनगर और शारजाह के बीच पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान का उद्घाटन भी करेंगे। आज सुबह उनके पहुंचने से पहले सेना, बीएसएफ और पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स के नगरोटा मुख्यालय में सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा की।