बिहार में कोरोना से 25 डॉक्टरों की गई जान, सरकार से आर्थिक मदद की मांग
पटना, 25 अगस्त(हि स)। अनलॉक-3 की शुरुआत होने के साथ सभी भूल गए कोरोना संक्रमण की भयावहता को और अपने मन से करने लगे विचरण। इस वायरस को फैलने में लोगों की लापरवाही मददगार साबित हो रही है। कोरोना वायरस कितना खतरनाक है ये इसी से अंदाजा लग जाएगा कि बिहार के डॉक्टर अब इसकी जद में आ रहे हैं। पटना के पीएमसीएच में 2 डॉक्टर और कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं और उनका इलाज किया जा रहा है। इससे पहले रविवार को पटना के एम्स में दो डॉक्टरों की मौत हो गई थी।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक आंकड़ा जारी करते हुए मंगलवार को कहा कि बिहार में कोरोना से अब तक 25 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई है। सूची जारी करते हुए एसोसिएशन सरकार से डॉक्टरों के परिवारों की आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। जारी सूची में से सबसे अधिक पटना के 7 डॉक्टरों की मौत हुई है इनमें पीएमसीएच में इनएनटी विभाग के डॉ एन.के. सिंह, डॉ अवधेश प्रसाद सिंह, पीएमसीएच के रेडियोथेरेपी विभाग से सेवा निवृत डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, सीनियर डेंटल सर्जन डॉ. गोविंद प्रसाद, डॉ.परमानंद कुमार, पटना के डॉ.यू0के0 श्रीवास्तव और पटना के डॉ. दीपक शामिल हैं।
जबकि कोविड-19 से संक्रमित हुए मुजफ्फरपुर के डॉ संजीव कुमार के डॉ वी बीपी सिन्हा, समस्तीपुर के सिविल सर्जन रहे डॉ रति रमण झा और के डॉ पी महतो, भागलपुर के डॉ आर बी झा, छपरा के डॉ आनंद शंकर, कटिहार के डॉ दीना नाथ पोद्दा और दरभंगा के डॉ अवध किशोर प्रसाद की भी मौत हो चुकी है। वैशाली के डॉ अविनाश कुमार एस, गया के डॉ. अश्वनी नंदकुलियार, भोजपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ कल्याण कुमार, अररिया के डॉ जी एन शाह, सुपौल के डॉ महेंद्र चौधरी, पूर्वी चंपारण के डॉ नागेंद्र प्रसाद और जहानाबाद के डॉ के राजन कुमार की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है। जब सभी को सुरक्षित रखने वाले चिकित्सकों की कोरोना से मौत हो रही है तो इससे आम जनता को सबक लेनी चाहिए और एहतियात बरतना जरुरी है।